अगर आप बिहार के किसी गांव में रहते हैं और अपना खुद का रोजगार शुरू करना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत काम की है। बिहार सरकार की मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना (Mukhyamantri Gram Parivahan Yojna) बेरोजगार युवाओं के लिए एक वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत सरकार आपको गाड़ी खरीदने के लिए लाखों रुपये की मदद (सब्सिडी) दे रही है।
चाहे आप ऑटो चलाना चाहते हों, ई-रिक्शा, या फिर एंबुलेंस सेवा शुरू करना चाहते हों—सरकार आपके साथ खड़ी है। इस आर्टिकल में हम आपको बिल्कुल आसान भाषा में बताएंगे कि इस योजना का लाभ कैसे उठाएं, कौन इसके लिए पात्र है और आवेदन कैसे करना है।

मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना आखिर है क्या?
सरल शब्दों में कहें तो बिहार सरकार चाहती है कि गांव के लोगों को शहर जाने के लिए आसानी से गाड़ी मिले और गांव के बेरोजगार युवाओं को काम मिले। इसी उद्देश्य से परिवहन विभाग (Transport Department) ने इस योजना की शुरुआत की है।
इस योजना में सरकार आपको वाहन की कीमत का 50% तक पैसा वापस (Subsidy) देती है। यानी अगर आप 2 लाख रुपये का ऑटो खरीदते हैं, तो लगभग 1 लाख रुपये सरकार देगी और बाकी आपको लगाना होगा।
किसे कितना पैसा मिलेगा? (Subsidy Details)
सरकार ने अलग-अलग गाड़ियों के लिए अलग-अलग सब्सिडी तय की है। इसे नीचे दी गई टेबल से आसानी से समझें:
| गाड़ी का प्रकार | सब्सिडी (अनुदान) की राशि | अधिकतम सीमा |
| पैसेंजर वाहन (ऑटो/जीप) | गाड़ी की कीमत का 50% | ₹1,00,000 (1 लाख रुपये) तक |
| ई-रिक्शा (E-Rickshaw) | गाड़ी की कीमत का 50% | ₹70,000 रुपये तक |
| एंबुलेंस (Ambulance) | गाड़ी की कीमत का 50% | ₹2,00,000 (2 लाख रुपये) तक |
ध्यान दें: आपको वाहन की खरीद मूल्य का 50% या अधिकतम सीमा (जो भी कम हो) राशि मिलती है.
इस योजना का लाभ कौन ले सकता है? (Eligibility)
सरकार ने यह योजना खास तौर पर समाज के उन वर्गों के लिए बनाई है जिन्हें मदद की सबसे ज्यादा जरूरत है। आवेदन करने से पहले ये शर्तें जरूर चेक करें:
- निवासी: आप बिहार के उसी पंचायत के निवासी होने चाहिए जहाँ से आप आवेदन कर रहे हैं.
- उम्र: आपकी उम्र कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए.
- जाति: यह योजना मुख्य रूप से अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) के लोगों के लिए है। हर पंचायत से 5 लोगों को चुना जाता है (3 SC/ST और 2 EBC).
- ड्राइविंग लाइसेंस: आपके पास लाइट मोटर व्हीकल (LMV) का वैध ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी है। इसका मतलब है कि गाड़ी मालिक को खुद गाड़ी चलानी आनी चाहिए.
- रोजगार: आप पहले से किसी सरकारी नौकरी में नहीं होने चाहिए और आपके पास पहले से कोई कमर्शियल गाड़ी नहीं होनी चाहिए.
जरूरी दस्तावेज (Documents Required)
आवेदन करने के लिए आपको इन कागजातों की स्कैन कॉपी तैयार रखनी होगी:
- आधार कार्ड (Aadhaar Card)
- जाति प्रमाण पत्र (Caste Certificate)
- निवास प्रमाण पत्र (Residential Certificate)
- उम्र का प्रमाण (मैट्रिक का सर्टिफिकेट या जन्म प्रमाण पत्र)
- ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License)
- शैक्षणिक योग्यता का प्रमाण पत्र (मार्कशीट)
आवेदन कैसे करें? (Step-by-Step Application Process)
अब आपको दफ्तरों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। आप घर बैठे या किसी साइबर कैफे से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
स्टेप 1: सबसे पहले बिहार परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या state.bihar.gov.in/transport पर जाएं।
स्टेप 2: होमपेज पर ‘Mukhyamantri Gram Parivahan Yojana’ का लिंक दिखेगा, उस पर क्लिक करें।
स्टेप 3: ‘Register’ बटन पर क्लिक करें। यहाँ आपको अपना मोबाइल नंबर, पासवर्ड, ड्राइविंग लाइसेंस नंबर आदि भरना होगा.2
स्टेप 4: रजिस्ट्रेशन के बाद ‘Login’ करें और फॉर्म में अपनी सारी जानकारी (नाम, पता, पंचायत) सही-सही भरें।
स्टेप 5: अपने सारे जरूरी दस्तावेज (Documents) अपलोड करें और फॉर्म सबमिट कर दें।
स्टेप 6: आवेदन सबमिट होने के बाद आपको एक रसीद मिलेगी, उसे संभाल कर रखें।
चयन कैसे होता है?
आवेदन करने के बाद प्रखंड स्तर पर एक मेरिट लिस्ट बनती है। यह लिस्ट आपकी शैक्षणिक योग्यता (मैट्रिक के नंबर) और उम्र के आधार पर बनती है। अगर आपके नंबर अच्छे हैं और उम्र ज्यादा है, तो आपको प्राथमिकता दी जाएगी.
‘ग्राम परिवहन’ और ‘प्रखंड परिवहन’ में क्या अंतर है?
अक्सर लोग मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना (MGPY) और मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना (MMPPY) में कंफ्यूज हो जाते हैं। दोनों अलग हैं:
- ग्राम परिवहन (MGPY): यह पंचायत स्तर पर छोटे वाहनों (ऑटो, ई-रिक्शा) के लिए है। इसमें अधिकतम सब्सिडी 1 से 2 लाख रुपये है।
- प्रखंड परिवहन (MMPPY): यह ब्लॉक स्तर पर बस (Bus) खरीदने के लिए है। इसमें सरकार 5 लाख रुपये की सब्सिडी देती है। इसमें SC/ST/EBC के अलावा पिछड़ा वर्ग (BC) और सामान्य वर्ग (General) के लोग भी आवेदन कर सकते हैं.















