जहानाबाद जिले के धराउत गांव में छुपा है एक ऐसा खजाना, जहां पहाड़ियों से घिरी एक झील के किनारे 400 साल पुराना सूर्य मंदिर खड़ा है। यहां सुबह के समय जब सूरज की पहली किरण झील के पानी पर पड़ती है, तो पूरा मंदिर सोने जैसा चमक उठता है। पानी में तैरते रंग-बिरंगे पक्षियों की आवाज और शांत वातावरण में घंटियों की धीमी आवाज – यह सब मिलकर एक ऐसा नजारा बनाता है, जो हर भक्त के मन को छू लेता है। यह सिर्फ एक मंदिर नहीं है, बल्कि एक ऐसी जगह है जहां प्रकृति और भगवान दोनों मिलते हैं। हर साल छठ पूजा के समय हजारों भक्त यहां आकर चंद्रपोखर झील के किनारे सूर्य भगवान को अर्घ्य देते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी होते देखते हैं।

मंदिर का इतिहास
धराउत सूर्य मंदिर को लगभग 400 साल पहले राजा चंद्रसेन ने बनवाया था। यह बहुत ही पुराना और ऐतिहासिक स्थान है। कहा जाता है कि बहुत समय पहले यहां बौद्ध धर्म के एक बड़े मठ का भी अस्तित्व था।
राजा चंद्रसेन ने न सिर्फ मंदिर बनवाया, बल्कि एक बहुत बड़ी झील भी खुदवाई जिसे चंद्रपोखर कहते हैं। इस झील में पानी इकट्ठा करके किसानों की खेतों में सिंचाई होती थी।
चंद्रपोखर झील – प्रकृति की सुंदरता
चंद्रपोखर झील बहुत ही खूबसूरत है। इसके चारों ओर छोटे-छोटे पहाड़ और घनी हरियाली है। सुबह के समय जब सूरज निकलता है, तो झील के पानी में उसकी सुनहरी किरणें पड़ती हैं और सब कुछ बहुत ही खूबसूरत लगता है।
शाम को जब सूरज डूबता है, तब भी यहां का दृश्य बहुत मनमोहक होता है। पानी में सूरज की लाल किरणें पड़ती हैं और ऐसा लगता है जैसे कि भगवान सूर्य स्वयं यहां हैं। यह जगह प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग जैसी है।
सर्दियों में पक्षियों का आना
सर्दियों के मौसम में यह झील बहुत ही खास हो जाती है। दूर-दूर से हजारों प्रवासी पक्षी यहां आते हैं। ये पक्षी विदेशों से उड़कर यहां आते हैं ताकि सर्दी से बच सकें।
जब ये रंग-बिरंगे पक्षी झील के पानी में तैरते हैं और अपनी प्यारी आवाजें निकालते हैं, तो यहां की खूबसूरती दुगनी हो जाती है। यह दृश्य देखना एक अलग ही अनुभव होता है।
भक्तों की आस्था और पूजा
धराउत सूर्य मंदिर में भगवान सूर्य की पूजा करना बहुत पवित्र माना जाता है। हर साल कार्तिक महीने में जब छठ पूजा आती है, तो हजारों भक्त यहां आते हैं।
भक्त इस झील के किनारे खड़े होकर सूरज को जल अर्पित करते हैं, जिसे अर्घ्य कहते हैं। वे सूर्य भगवान से अपने परिवार के अच्छे स्वास्थ्य, सुख और शांति की प्रार्थना करते हैं।
यहां की भक्ति और श्रद्धा का माहौल ऐसा है कि आने वाले हर भक्त को एक नई शांति और खुशी मिलती है। लोगों को विश्वास है कि इस पवित्र जगह पर सच्चे मन से की गई प्रार्थना अवश्य पूरी होती है।
छठ पूजा का महत्व
छठ पूजा के समय यहां का नजारा बहुत ही खूबसूरत होता है। चारों ओर से भक्त यहां इकट्ठा होते हैं। दीयों की रोशनी, भक्तों के गीत और सूर्य भगवान की स्तुति से पूरा जगह भक्ति से भर जाता है।
सुबह जब सूरज निकलता है और शाम को जब डूबता है, दोनों समय भक्त अर्घ्य देते हैं। इन मौकों पर यह जगह पूरी तरह से श्रद्धा और भक्ति का केंद्र बन जाती है।
धराउत सूर्य मंदिर की पुरानी विरासत
धराउत में सूर्य मंदिर के अलावा भी कुछ बहुत पुराने और खास मंदिर हैं। शिव जी और भगवान नरसिंह को समर्पित मंदिर भी यहां हैं। इन मंदिरों की बनावट से पता चलता है कि वे कितने पुराने हैं।
यहां की झील और मंदिरों के आस-पास खुदाई में भगवान बुद्ध की कुछ मूर्तियां भी मिली हैं। इससे पता चलता है कि यह जगह बहुत ही प्राचीन और महत्वपूर्ण है।
प्रकृति और धर्म का मिलन है धराउत सूर्य मंदिर
धराउत सूर्य मंदिर एक ऐसी जगह है जहां प्रकृति और धर्म दोनों मिलते हैं। यहां की हरियाली, पानी, पक्षी, पहाड़ और सूरज – सब कुछ मिलकर एक पवित्र माहौल बनाते हैं।
भक्तों के लिए यह एक ऐसा स्थान है जहां उन्हें ईश्वर के करीब आने का अनुभव होता है। यहां की प्रकृति को देखकर हर कोई यह समझ जाता है कि भगवान की खूबसूरती हर चीज में है।
धराउत सूर्य मंदिर जाने का बेहतर समय
अगर आप यहां जाना चाहते हैं, तो सर्दियों का समय सबसे अच्छा है। सर्दियों में मौसम ठीक रहता है और प्रवासी पक्षी भी आ जाते हैं। छठ पूजा के समय भी यहां का माहौल बहुत ही खूबसूरत होता है।
सुबह जल्दी आने से आप सूरज के उगने का नजारा देख सकते हैं। शाम को सूरज डूबते समय यहां का दृश्य अविस्मरणीय होता है।
हर भक्त के लिए खास संदेश
धराउत सूर्य मंदिर सिर्फ पत्थरों से बना एक ढांचा नहीं, बल्कि यह श्रद्धा की जीती-जागती मिसाल है। जब आप चंद्रपोखर के किनारे खड़े होकर सूरज की किरणों को महसूस करेंगे, तो आपको एहसास होगा कि भगवान कितने करीब हैं।
यहां की ठंडी हवा, पानी की लहरें और पक्षियों की चहचहाहट मिलकर एक ऐसा माहौल बनाते हैं, जहां मन को असली शांति मिलती है। अगर आपके जीवन में कोई परेशानी है, तो यहां आकर मन खोलकर सूर्य भगवान से बात करें। वे सबकी सुनते हैं और सबकी मदद करते हैं।
चार सौ साल से यह मंदिर यहां खड़ा है और लाखों भक्तों की प्रार्थनाओं का गवाह बना है। जो भी यहां सच्चे मन से आता है, उसकी मुरादें जरूर पूरी होती हैं। तो इस छठ पूजा में धराउत जरूर आएं और अपने परिवार के साथ सूर्य भगवान का आशीर्वाद लें। यह यात्रा आपके जीवन को एक नई दिशा दे सकती है।


















