बिहार के दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट इस बार चुनाव में खास चर्चा में है। एक तरफ BJP की तरफ से 25 साल की मशहूर लोक गायिका मैथिली ठाकुर मैदान में उतरी हैं, तो दूसरी तरफ RJD ने अनुभवी नेता बिनोद मिश्रा को फिर से उतारा है। 6 नवंबर को पहले चरण में होने वाले इस मुकाबले में कौन जीतेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
कहानी शुरु हुई 2020 की जीत से, अब आई नई टक्कर
अलीनगर सीट पर पिछले कई सालों से RJD का कब्जा रहा है, लेकिन 2020 में विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के मिश्री लाल यादव ने RJD के बिनोद मिश्रा को महज 3,101 मतों से हराकर सबको चौंका दिया था। मिश्री लाल यादव को 61,082 मत मिले जबकि बिनोद मिश्रा को 57,981 मत मिले थे। इससे पहले 2015 में RJD के अब्दुल बारी सिद्दीकी ने BJP के मिश्री लाल यादव को 13,460 मत से हराया था।
मिश्री लाल यादव बाद में BJP में शामिल हो गए, लेकिन एक हमले के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता खो बैठे। अक्टूबर 2025 में उन्होंने BJP से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद BJP ने नया चेहरा मैथिली ठाकुर को टिकट दिया है।

मैथिली ठाकुर: स्टेज से राजनीति के मंच तक
मैथिली ठाकुर बिहार की जानी-मानी लोक गायिका हैं जो मैथिली, भोजपुरी, हिंदी और सूफी परंपरा में गाती हैं। वे 2017 में टीवी शो “राइजिंग स्टार” की रनर-अप रह चुकी हैं। इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर उनके लाखों फॉलोअर्स हैं। मैथिली ने 13 अक्टूबर को BJP जॉइन की और 17 अक्टूबर को अलीनगर से नामांकन भरा।
अपने चुनाव प्रचार के दौरान मैथिली भक्ति गीत गाती हैं और महिलाओं को आकर्षित करने के लिए “छठ की महिमा” जैसे एल्बम भी रिलीज किए हैं। हालांकि, उन्होंने एक विवादास्पद बयान दिया कि “अगर मैं जीत गई तो अलीनगर को सीतानगर में बदल दूंगी”। बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि यह विचार केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दिया था।
मैथिली ने एक इंटरव्यू में कहा, “राजनीति में आना मेरे जीवन का सबसे अच्छा फैसला है। लोगों से मिलना मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। BJP ने मुझे चुना है, मैंने नहीं”।
बिनोद मिश्रा: बदला लेने की कोशिश में वापसी
बिनोद मिश्रा 2020 में केवल 3,101 मत से हारे थे। इस बार RJD ने उन्हें फिर से मौका दिया है। मिश्रा ने मैथिली के “नाम बदलने” के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “लोग BJP की चाल को समझते हैं। नाम बदलने से कुछ नहीं होगा। लोगों को नौकरी, रोजगार और विकास चाहिए”।
कौन हैं ये मतदाता जो तय करेंगे भविष्य?
अलीनगर सीट पर 2025 में कुल 2,84,014 मतदाता हैं, जिनमें 1,48,492 पुरुष और 1,35,520 महिलाएं शामिल हैं। यह सीट ब्राह्मण, यादव और मुस्लिम समुदायों की मजबूत उपस्थिति वाली है। दरभंगा ब्लॉक में हिंदू 67.67% और मुसलमान 32.04% हैं। सीट में ब्राह्मण, यादव (OBC) और EBC मतदाता अहम भूमिका निभाते हैं।
बेरोजगारी, शिक्षा, बाढ़: मुद्दों की कशमकश
बिहार में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। शहरी क्षेत्रों में युवा बेरोजगारी 10.8% तक पहुंच गई है। इसके अलावा स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क और बाढ़ प्रबंधन जैसे मुद्दे भी अहम हैं।
BJP प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नितीश कुमार के विकास के एजेंडे पर चुनाव लड़ रही है। वहीं RJD नेता तेजस्वी यादव रोजगार सृजन पर जोर दे रहे हैं और 20 महीनों में 20 साल की विफलताओं को पूरा करने का वादा कर रहे हैं।
कौन जीत सकता है?
यह चुनाव बेहद रोमांचक है। एक तरफ मैथिली ठाकुर की युवा अपील, सोशल मीडिया पर मजबूत उपस्थिति और ब्राह्मण समुदाय का समर्थन है। 2024 के लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र में BJP की जबरदस्त जीत भी उनके पक्ष में है।
दूसरी तरफ बिनोद मिश्रा का अनुभव, स्थानीय जुड़ाव और पारंपरिक M-Y (मुस्लिम-यादव) वोट बैंक मजबूत है। मैथिली के “नाम बदलने” के विवाद ने मुस्लिम मतदाताओं को नाराज किया है, जो RJD को फायदा पहुंचा सकता है।
हालांकि BJP की मजबूत संगठनात्मक ताकत और मैथिली ठाकुर की स्टार पावर को देखते हुए BJP को थोड़ी बढ़त मिल सकती है, लेकिन यह चुनाव करीबी रहने की उम्मीद है। अगर महागठबंधन प्रभावी ढंग से M-Y-EBC वोटों को एकजुट कर ले तो RJD को भी जीत मिल सकती है।
मतदान तिथि: 6 नवंबर 2025 (पहला चरण)
मतगणना: 14 नवंबर 2025
अलीनगर सीट में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या युवा संगीतकार अपनी पहली राजनीतिक पारी में कामयाब होती हैं या अनुभवी नेता फिर से मैदान मार लेते हैं।

















