बिहार की दो बेहद अहम सड़क परियोजनाओं को केंद्र सरकार से हरी झंडी मिल गई है। खगड़िया-पूर्णिया और मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी-सोनबरसा को जोड़ने वाली ये सड़कें अब चौड़ी होंगी और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी।Public-Private Partnership Appraisal Committee (PPPAC) की बैठक में इन दोनों परियोजनाओं को स्वीकृति मिलने के बाद अब ये केबिनेट की अंतिम मंजूरी का इंतजार कर रही हैं।

खगड़िया-पूर्णिया परियोजना : 143 किलोमीटर का सफर होगा आसान
खगड़िया से पूर्णिया तक करीब 143 किलोमीटर लंबी इस सड़क को दो लेन से चार लेन में बदला जाएगा। इस परियोजना पर लगभग 3,975 करोड़ रुपये खर्च होंगे। खास बात यह है कि ये सड़क Hybrid Annuity Model (HAM) पर बनेगी, जिसमें 40 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार और 60 प्रतिशत निर्माण कंपनी वहन करेगी। निर्माण के बाद कंपनी तय अवधि तक टोल वसूलकर अपनी लागत वापस पाएगी।
यह परियोजना खगड़िया, भागलपुर, कटिहार और पूर्णिया जिलों से होकर गुजरेगी। सड़क चौड़ी होने से यात्रियों की औसत गति बढ़ेगी और यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। कुल 875 हेक्टेयर भूमि की जरूरत है, जिसमें से 764 हेक्टेयर पहले से उपलब्ध है और केवल 111 हेक्टेयर का अधिग्रहण करना बाकी है।
मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी-सोनबरसा मार्ग: नेपाल सीमा तक बेहतर कनेक्टिविटी
मुजफ्फरपुर से सीतामढ़ी होते हुए सोनबरसा तक जाने वाली इस सड़क की लंबाई करीब 90 किलोमीटर है। इस सड़क को Build-Operate-Transfer (BOT) मॉडल के तहत बनाया जाएगा, जिसमें निर्माण की पूरी लागत निजी कंपनी वहन करेगी और टोल टैक्स से अपनी राशि वसूल करेगी। नेपाल सीमा के पास होने के कारण यह मार्ग व्यापार और परिवहन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
पहले इस फोरलेन के निर्माण में लगभग 2,400 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान था। सर्वे का काम शुरू हो चुका है और एनएचएआई के पास पहले से अधिग्रहित भूमि का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे भूमि अधिग्रहण की जरूरत कम होगी। इस सड़क के बनने से मुजफ्फरपुर से सीतामढ़ी और नेपाल तक जाने वाले यात्रियों को करीब दो घंटे की बचत होगी।
इन परियोजनाओं से क्या होगा फायदा?
दोनों परियोजनाओं की कुल लंबाई लगभग 233 किलोमीटर होगी और कुल खर्च करीब 6,000 करोड़ रुपये आएगा। PPPAC की मंजूरी के बाद अब दोनों सड़कों का टेंडर जल्द जारी किया जा सकेगा। उम्मीद है कि दिसंबर से टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी और जनवरी-फरवरी में निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
यातायात में सुधार: फोरलेन सड़कें बनने से वाहनों की आवाजाही सुगम होगी और जाम की समस्या कम होगी।
यात्रा समय में कमी: चौड़ी सड़कें होने से यात्रियों को कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
आर्थिक विकास में तेजी: बेहतर सड़कें व्यापार और परिवहन को बढ़ावा देंगी, जिससे खगड़िया, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी जिलों का आर्थिक विकास होगा।
अंतरराज्यीय संपर्क: खगड़िया-पूर्णिया मार्ग से पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और झारखंड से कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
सुरक्षा में सुधार: नई सड़कें आधुनिक सुरक्षा मानकों के अनुसार बनाई जाएंगी, जिससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
बिहार में बुनियादी ढांचे का विकास
केंद्र सरकार बिहार में सड़क नेटवर्क को मजबूत करने के लिए कई परियोजनाओं पर काम कर रही है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में बिहार को एनएच निर्माण के लिए 33,464 करोड़ रुपये मिले हैं, जिससे 52 परियोजनाओं के तहत 875 किलोमीटर सड़कों का निर्माण होगा। इनमें गंगा एक्सप्रेसवे, पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे और पटना रिंग रोड जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं शामिल हैं।
पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे को नेशनल एक्सप्रेसवे-9 का दर्जा मिल चुका है। यह 250 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बनने के बाद पटना से पूर्णिया की यात्रा सिर्फ 3 घंटे में पूरी होगी। केंद्र सरकार की इन पहलों से बिहार के बुनियादी ढांचे को नई दिशा मिलेगी और उत्तर बिहार के सीमांचल क्षेत्र का सामाजिक और आर्थिक विकास तेज होगा।















