भूमि संबंधी प्रोत्साहन
इस पैकेज की सबसे आकर्षक बात यह है कि निवेशकों को बिना किसी खर्च के जमीन दी जाएगी। भूमि का आवंटन केवल ₹1 की टोकन राशि पर होगा।
निवेश के आधार पर तीन श्रेणियां हैं:
100 करोड़ रुपये का निवेश: यदि कोई निवेशक 100 करोड़ रुपये का निवेश करता है और 1,000 लोगों को सीधे रोजगार देता है, तो उसे 10 एकड़ जमीन बिल्कुल मुफ्त दी जाएगी।
1,000 करोड़ रुपये का निवेश: बड़े पैमाने पर निवेश करने वाली कंपनियों को 25 एकड़ तक की भूमि दी जाएगी।
फॉर्च्यून 500 कंपनियां: देशभर की बड़ी कंपनियों को 10 एकड़ भूमि का विशेष लाभ मिलेगा।
छोटे और मझोले निवेशकों के लिए: जो बड़ी राशि का निवेश नहीं कर सकते, उन्हें BIADA (बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण) की जमीन पर 50% की छूट दी जाएगी।

वित्तीय सहायता के विकल्प
निवेशकों को तीन वित्तीय प्रोत्साहन मॉडलों में से किसी एक को चुनने की सुविधा दी गई है:
विकल्प 1: ₹40 करोड़ तक ब्याज सहायता और 100% तक SGST (वस्तु एवं सेवा कर) की प्रतिपूर्ति
विकल्प 2: अनुमोदित परियोजना लागत का 300% SGST रिफंड 14 वर्षों तक
विकल्प 3: अनुमोदित परियोजना लागत का 30% पूंजीगत सब्सिडी
रोजगार और कौशल विकास
सरकार कर्मचारियों के लिए भी आकर्षक सहायता दे रही है। पात्र उद्योगों को प्रति कर्मचारी ₹5,000 प्रतिमाह रोजगार सहायता दी जाएगी, साथ ही ESI और EPF पर 300% तक का सहायता मिलेगा।
अन्य इकाइयों को प्रति कर्मचारी ₹2,000 प्रतिमाह दिया जाएगा और सामाजिक सुरक्षा लाभ भी शामिल हैं। इसके अलावा प्रत्येक कर्मचारी को कौशल विकास के लिए ₹20,000 का अनुदान दिया जाएगा।
निर्यात और पर्यावरण संबंधी लाभ
निर्यात प्रोत्साहन: पहले ₹20 लाख वार्षिक दिया जाता था, अब इसे दोगुना करके ₹40 लाख प्रतिवर्ष कर दिया गया है और यह सुविधा 14 वर्षों तक मिलेगी।
हरित प्रोत्साहन: पर्यावरण संरक्षण के लिए ₹1 करोड़ तक 25% की प्रतिपूर्ति दी जाएगी। नवीकरणीय ऊर्जा (सौर, पवन आदि) का उपयोग करने पर ₹6 लाख तक की सहायता मिलेगी।
पैकेज की वैधता
यह पूरा प्रोत्साहन पैकेज 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगा। निवेशकों को इसी समय सीमा के भीतर आवेदन करना होगा।
बिहार सरकार को विश्वास है कि इस पैकेज से अगले 5 साल में 1 करोड़ युवाओं को रोजगार मिलेगा और ₹5 लाख करोड़ का निवेश आएगा। यह पैकेज बिहार को पूर्वी भारत का प्रमुख निवेश केंद्र बनाने का प्रयास है।

















