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बिहार अपना खुद का औद्योगिक सुरक्षा बल गठित करने जा रहा है

उद्योगपतियों को मिलेगा CISF की तरह समर्पित सुरक्षा व्यवस्था

बिहार का औद्योगिक विकास का सपना अब एक नई दिशा पकड़ने वाला है। राज्य सरकार बिहार इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (BISF) नामक एक विशेषीकृत सुरक्षा बल गठित करने जा रहा है, जो CISF की तरह ही उद्योगों की सुरक्षा को समर्पित रहेगा। इस कदम का ऐलान उद्योग मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने 6 दिसंबर को किया, और अब यह प्रस्ताव जल्द ही राज्य कैबिनेट की मंजूरी के लिए जाने वाला है।

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क्यों जरूरी है यह कदम?

बिहार में पिछले कुछ सालों में औद्योगिक विकास की गति तेज हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य को अगले पाँच सालों में 50 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है। इस बड़े सपने को पूरा करने के लिए राज्य न केवल अच्छी जमीन और सुविधाएं दे रहा है, बल्कि अब सुरक्षा की व्यवस्था भी अपने हाथों में ले रहा है।

लंबे समय से उद्योगपतियों की एक आम शिकायत रही है कि औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा के मामले में अनिश्चितता है। चाहे छोटा उद्यमी हो या बड़ा कारखानेदार, सभी को निजी सुरक्षा कंपनियों पर निर्भर रहना पड़ता है। इसी कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार एक समर्पित सुरक्षा ढाँचा खड़ा कर रही है।

मंत्री जायसवाल ने कहा है, “निवेशकों को पूरी सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा ताकि वह बिहार में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना कर सकें और बड़े पैमाने पर निवेश कर सकें।” यह सिर्फ शब्द नहीं है—यह राज्य की एक गंभीर प्रतिबद्धता है कि बिहार को देश के शीर्ष औद्योगिक राज्यों में शामिल करना है।

BISF की संरचना और कार्यप्रणाली

BISF एक आधुनिक और सक्षम सुरक्षा इकाई होगी, जो पूरी तरह उद्योगों की सुरक्षा के लिए समर्पित रहेगी। इसमें बिहार पुलिस के चुनिंदा और अनुभवी जवानों को शामिल किया जाएगा, जो वर्षों का अनुभव रखते होंगे।

इस बल का नेतृत्व भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के एक अधिकारी के हाथों में होगा। उसके तहत DSP स्तर के अधिकारी और निरीक्षक (Inspector) स्तर के कर्मचारी काम करेंगे। यह संरचना सुनिश्चित करती है कि सुरक्षा में कोई समझौता न हो और हर निर्णय तेजी से लिया जा सके।

BISF का मुख्यालय किसी प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा ताकि तुरंत कार्रवाई और प्रभावी नियंत्रण संभव हो सके। यह मतलब है कि किसी भी आपातकाल में सुरक्षा कर्मी मिनटों में मौजूद हो सकेंगे, न कि घंटे लगेंगे।

कैसे काम करेगा यह बल?

BISF की कार्यप्रणाली बेहद प्रायोगिक और परिणाम-केंद्रित होगी। सुरक्षा कर्मी नियमित गश्त करेंगे, सुरक्षा खामियों की पहचान करेंगे और समय पर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। यह सिर्फ दीवार के बाहर खड़े रहने वाली निगरानी नहीं होगी, बल्कि एक सक्रिय सुरक्षा तंत्र होगा।

BISF की सेवा मांग के आधार पर दी जाएगी। कोई नया उद्योग स्थापित हो रहा हो या पुरानी इकाई का विस्तार हो रहा हो—दोनों को यह सेवा मिलेगी। यह व्यवस्था नए और पुराने दोनों उद्यमियों के लिए समान रूप से लाभकारी है।

इसके अलावा, यह बल पूरे औद्योगिक क्षेत्र की निगरानी भी संभालेगा, सिर्फ कारखाने की परिधि तक सीमित नहीं रहेगा। इसका मतलब है कि चोरी, उत्पीड़न, आपराधिक गतिविधियों और अन्य संभावित खतरों पर प्रभावी नियंत्रण संभव हो सकेगा।

राज्य का बड़ा निवेश रणनीति

यह सिर्फ एक सुरक्षा बल नहीं है—यह बिहार के औद्योगिक भविष्य की नींव है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बैठक में यह स्पष्ट किया कि बिहार अब देश के अग्रणी निवेश केंद्रों में जगह बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

राज्य सरकार ने औद्योगिक विकास के अगले चरण के लिए 26,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। साथ ही, राज्य की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल हैं:

  • पाँच मेगा खाद्य पार्क की स्थापना
  • दस औद्योगिक पार्क का विकास
  • 100 MSME पार्क का निर्माण
  • 31 नए औद्योगिक पार्क जो 29 जिलों में फैले होंगे और 14,036 एकड़ में विस्तृत होंगे

इन पार्कों में से 10 क्षेत्र-विशेष होंगे, जैसे वस्त्र पार्क और फार्मास्यूटिकल पार्क

गया में होगा पहला इंटीग्रेटेड मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर

बिहार के आर्थिक भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास गया के दोभी में एक इंटीग्रेटेड मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर (IMC) की स्थापना है। यह 1,700 एकड़ में फैला होगा और अभी तेजी से विकास के स्तर पर है।

उद्योगपतियों को होंगे क्या फायदे?

BISF के गठन के बाद एक “औद्योगिक सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र” खड़ा हो जाएगा। उद्यमियों को यह भरोसा मिलेगा कि उनकी इकाइयों की सुरक्षा के लिए एक समर्पित, प्रशिक्षित और अनुभवी सरकारी बल मौजूद है।

इससे क्या होगा?

  1. निवेश की इच्छा बढ़ेगी – सुरक्षा की समस्या दूर होने से नए उद्यमी और बड़ी कंपनियाँ बिहार में यूनिट लगाने का साहस करेंगी।
  2. पुरानी इकाइयें विस्तार में दिलचस्पी लेंगी – जो उद्योग पहले से बिहार में हैं, वह विश्वास के साथ अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने की सोचेंगे।
  3. MSME को होगी मजबूती – छोटे और मध्यम स्तर के उद्योग एक सुरक्षित वातावरण में बिना चिंता के विकास कर सकेंगे।
  4. राज्य को होगी पहचान – जब निवेशकों को बिहार में सुरक्षा का भरोसा मिलेगा, तो देश और विदेश की कंपनियाँ यहाँ का रुख करेंगी।

सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता

मंत्री दिलीप जायसवाल की घोषणा से साफ है कि बिहार सरकार निवेशकों को एक सशक्त संदेश दे रही है: “बिहार में आओ। जमीन हम देंगे, सुविधाएं हम देंगे, सुरक्षा हम देंगे, और प्रशासनिक सहयोग भी हम देंगे।”

यह सिर्फ बातें नहीं हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया है कि उद्योग विभाग भारत और विदेश के प्रमुख बिजनेस हब में बड़े स्तर पर निवेशक सम्मेलन आयोजित करेगा। लक्ष्य साफ है—बिहार को देश के शीर्ष पाँच निवेश-अनुकूल राज्यों में शामिल करना।

ऐतिहासिक बदलाव का संकेत

BISF की स्थापना का प्रस्ताव केवल एक सुरक्षा उपाय नहीं है। यह बिहार के औद्योगिक स्वप्न का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। जब इस मॉडल को क्रियान्वित किया जाएगा, तो बिहार एक ऐसे राज्य के रूप में उभरेगा जहाँ निवेश सुरक्षित है, निवेशकों का सम्मान है, और भविष्य उज्ज्वल है।

राज्य सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि BISF के माध्यम से औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा मानक और निगरानी को और बेहतर बनाया जाए। अगर यह प्रयास सफल रहता है, तो आने वाले वर्षों में बिहार देश के सबसे तेजी से उभरते औद्योगिक राज्यों में से एक बन सकता है।

तारीख और आगामी कदम

उद्योग मंत्री ने 6 दिसंबर को यह घोषणा की थी कि BISF का प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। अभी से ही विभिन्न विभाग इस महत्वाकांक्षी परियोजना के विवरण पर काम कर रहे हैं।

बिहार का औद्योगिक भविष्य अब केवल सपना नहीं रह गया है। यह एक ठोस कदम है, एक सुरक्षा व्यवस्था है, और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, राज्य की उस प्रतिबद्धता का प्रमाण है कि बिहार को एक वैश्विक औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करना है।

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