बिहार के युवाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का दरवाजा खुल गया है। बिहार कौशल विकास मिशन (BSDM) की ताजा पहल ने सीमाओं के परे नौकरी और शिक्षा के नए अवसर खोल दिए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देशन में यह योजना अब आपको अंग्रेजी, जर्मन, जापानी, कोरियन और अरबी जैसी विश्व भाषाओं का निःशुल्क प्रशिक्षण दे रही है।
यह सिर्फ भाषा सीखना नहीं है—यह आपके स्किल पासपोर्ट को तैयार करना है। जर्मन, जापानी और अरबी भाषा सीखने वाले को विदेशों में कई गुना अधिक पैकेज मिलते हैं, खास तौर पर हेल्थकेयर, इंजीनियरिंग, हॉस्पिटैलिटी और टेक सेक्टर में।

तत्काल काम के लिए महत्वपूर्ण तिथियां
समय की बात करें तो जल्दबाजी जरूरी है। रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख 12 दिसंबर 2025 है, जबकि नए बैच की शुरुआत 15 दिसंबर 2025 से होगी। यदि आप इस बार मिस कर गए, तो अगला अवसर का इंतजार लंबा हो सकता है। सीटें सीमित हैं, इसलिए पहले आओ, पहले पाओ का नियम लागू है।
योग्यता: सरल पर प्रभावी
इस योजना को जानबूझकर सरल रखा गया है। यदि आपके पास निम्नलिखित में से कोई भी योग्यता है, तो आप पात्र हैं—ग्रेजुएशन, आईटीआई, पॉलीटेक्निक, इंजीनियरिंग या नर्सिंग डिग्री। विशेष बात यह है कि कोई आयु सीमा नहीं लगाई गई है। आप चाहे ताज़े ग्रेजुएट हों या पांच साल के अनुभव के बाद कुछ नया सीखना चाहते हों, सभी के लिए दरवाजा खुला है।
प्रशिक्षण का केंद्र: पटना में उच्च-स्तरीय सुविधाएं
फॉरेन लैंग्वेज ट्रेनिंग सेंटर, DML & ES, पटना में यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह कोई साधारण प्रशिक्षण केंद्र नहीं है। यहां आधुनिक ट्रेनिंग सिस्टम, प्रैक्टिकल लैब और विदेशी भाषा विशेषज्ञ ट्रेनर्स मौजूद हैं। इसका मतलब है कि आप घर बैठे नहीं, बल्कि वास्तविक अंतरराष्ट्रीय मानदंडों वाले प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
रजिस्ट्रेशन बिल्कुल परेशान-मुक्त है। http://bsdm.hsf.co.in/select-role पर जाएं, ‘Student Registration’ चुनें, और कुछ सरल स्टेप्स में फॉर्म भर दें। कोई छिपी हुई प्रक्रिया नहीं, कोई अतिरिक्त दस्तावेज नहीं। सिर्फ आपकी जानकारी, आपकी योग्यता, और लक्ष्य—बस इतना ही।
किसी समस्या का सामना करें? सीधे 8866145375 पर संपर्क करें।
विश्व में करियर के द्वार
यहां एक रोचक तथ्य है—विदेशी भाषा जानने वाले पेशेवर की मांग लगातार बढ़ रही है। जर्मनी, जापान, दक्षिण कोरिया और अरब देशों में भारतीय पेशेवरों के लिए विशेष मांग है, खास तौर पर जब वे स्थानीय भाषा बोल सकते हों। इंजीनियरिंग, हेल्थकेयर और तकनीकी क्षेत्रों में ऐसे पेशेवरों को ₹5-10 लाख प्रति वर्ष से शुरू करके ₹20+ लाख तक का पैकेज मिल सकता है।
यह पहल क्यों खास है?
- ग्लोबल कंपनियों का ट्रेंड: बहुराष्ट्रीय कंपनियां ऐसे कर्मचारी चाहती हैं जो भाषा और सांस्कृतिक सेतु बन सकें।
- हाई-डिमांड स्किल सेट: जर्मन और जापानी भाषा इंजीनियरिंग, ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में विशेष महत्व रखती है।
- अरबी की बढ़ती मांग: मध्य पूर्व में भारतीय कर्मचारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, और अरबी जानने वालों को अतिरिक्त लाभ मिलता है।
- अंग्रेजी से आगे: इंग्लिश तो अब बेसिक स्किल है। जो लोग एक और भाषा जानते हैं, वे प्रतिस्पर्धी बाजार में हमेशा आगे रहते हैं।
करियर के रास्ते
यह प्रशिक्षण के बाद, आप निम्न क्षेत्रों में कदम रख सकते हैं:
- विदेश में प्रत्यक्ष नौकरी: जर्मनी, जापान, दक्षिण कोरिया और अरब देशों में भारतीय पेशेवरों की भारी मांग है।
- अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा: यूरोप के विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने के लिए भाषा प्रमाणपत्र आवश्यक होता है।
- कुशल प्रवास (Skilled Migration): कई देशों में भाषा दक्षता प्रवास आवेदन में अतिरिक्त अंक प्रदान करती है।
- मल्टीनेशनल कंपनियों में: भारत में ही बहुराष्ट्रीय कंपनियों में ऐसी भाषाओं का उच्च मूल्य है।
बिहार से ग्लोबल तक
यह योजना केवल एक सरकारी पहल नहीं है—यह एक विचारधारात्मक बदलाव है। बिहार के युवाओं को सीमाओं से परे सोचने के लिए प्रोत्साहित करना। यह संदेश देना कि आपका क्षेत्र, आपकी भाषा, या आपकी पृष्ठभूमि आपके सपनों में बाधा नहीं हो सकती।
आपकी अगली कार्रवाई
कल की राह आज से शुरू होती है। यदि आप या आपका कोई परिचित विदेश में नौकरी, पढ़ाई, या व्यावसायिक अवसरों की सोच रहा है, तो यह सुनहरा मौका है। 12 दिसंबर तक रजिस्ट्रेशन कराएं और 15 दिसंबर से क्लासेस शुरू करें।
अपने नेटवर्क में यह जानकारी शेयर करें। वह युवा जो पिछली बार मिस कर गया हो, उसे अवश्य बताएं। क्योंकि कभी-कभी सही समय पर सही जानकारी, आपके पूरे जीवन की दिशा बदल सकती है।
संपर्क जानकारी:
- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन: http://bsdm.hsf.co.in/select-role
- फोन सपोर्ट: 8866145375
- प्रशिक्षण केंद्र: फॉरेन लैंग्वेज ट्रेनिंग सेंटर, DML & ES, पटना


















