पटना के राजेंद्र नगर में स्थित ऐतिहासिक मोईन-उल-हक स्टेडियम (Moin-ul-Haq Stadium) जल्द ही अपनी बदहाली के दौर से निकलकर एक वर्ल्ड-क्लास क्रिकेट स्टेडियम बनने जा रहा है। दशकों के इंतजार और कई अटकलों के बाद, अब बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) और BCCI ने मिलकर इस सपने को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं।
अगर आप भी बिहार में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की वापसी का इंतजार कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए ही है। जानिए, कैसा होगा पटना का यह नया स्टेडियम और क्या खास सुविधाएं मिलेंगी।

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1. डिजाइन: ‘आग की लपटों’ जैसा अनोखा लुक
इस नए स्टेडियम की सबसे बड़ी खासियत इसका डिजाइन होगा। खबरों के मुताबिक, इसका आर्किटेक्चर “फ्लेम” (Flame) यानी आग की लपटों से प्रेरित होगा।
- बाहरी हिस्सा: स्टेडियम का बाहरी ढांचा (Facade) लहराती हुई लपटों जैसा दिखेगा, जो ऊर्जा और जोश का प्रतीक है।
- छत (Roof): स्टेडियम की छत भी इसी थीम पर आधारित होगी, जो इसे दुनिया के गिने-चुने खूबसूरत स्टेडियमों की लिस्ट में शामिल करेगी।
2. क्षमता और सुविधाएं: वर्ल्ड क्लास अनुभव
पुराने जर्जर स्टैंड्स की जगह अब आधुनिक सिटिंग अरेंजमेंट लेगा।
- दर्शक क्षमता: स्टेडियम में लगभग 40,000 से 50,000 दर्शकों के बैठने की व्यवस्था होगी।
- VIP सुविधाएँ: इसमें करीब 76 कॉरपोरेट बॉक्स और 250 VIP बॉक्स बनाए जाने का प्रस्ताव है, जो इसे हाई-प्रोफाइल मैचों के लिए तैयार करेगा।
- अन्य सुविधाएं: क्लब हाउस, स्विमिंग पूल, और खिलाड़ियों के लिए 5-स्टार ड्रेसिंग रूम जैसी सुविधाएं भी इसमें शामिल होंगी।
3. कब तक बनकर तैयार होगा?
यह सवाल हर बिहारी के मन में है।
- प्रक्रिया: बिहार सरकार ने स्टेडियम को 30 साल की लीज पर BCCI को सौंप दिया है। इसका मतलब है कि अब इसके निर्माण और रखरखाव की जिम्मेदारी देश की सबसे बड़ी क्रिकेट संस्था के पास है।
- काम की स्थिति: साल 2025 के मध्य (जुलाई-अगस्त) में इसके री-डेवलपमेंट के लिए टेंडर प्रक्रिया और निर्माण से जुड़ी गतिविधियां तेज हुई हैं।
- लक्ष्य: अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो 2027 के अंत तक यह स्टेडियम बनकर तैयार हो सकता है और 2028 में हम यहां अपने पसंदीदा क्रिकेटर्स को चौके-छक्के लगाते देख सकेंगे।
4. बिहार क्रिकेट के लिए एक नई सुबह
मोईन-उल-हक स्टेडियम ने 1996 के वर्ल्ड कप मैच की मेजबानी की थी, लेकिन उसके बाद यह अपनी चमक खो बैठा। अब, 500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से होने वाला यह कायाकल्प न सिर्फ पटना की खूबसूरती बढ़ाएगा, बल्कि बिहार के युवा क्रिकेटर्स (जैसे वैभव सूर्यवंशी) को अपने ही घर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का मंच देगा।
इंतजार थोड़ा लंबा जरूर रहा है, लेकिन “देर आए, दुरुस्त आए”। पटना का मोईन-उल-हक स्टेडियम जल्द ही देश के सबसे बेहतरीन क्रिकेट डेस्टिनेशन्स में से एक होगा।















