बिहार के नक्शे पर कोशी का दिल कहा जाने वाला सहरसा अब एक बड़े बदलाव की दहलीज पर खड़ा है। वर्षों से यहाँ के खिलाड़ियों ने टूटे मैदानों और संसाधनों की कमी के बीच पसीना बहाया है, लेकिन उनकी आंखों में ओलंपिक और नेशनल खेलने का सपना कभी धुंधला नहीं हुआ। 2024 और 2025 के सरकारी दस्तावेज़ और टेंडर बताते हैं कि अब वह वक्त आ गया है जब इन सपनों को एक पक्का पता मिलने वाला है।
बिहार स्टेट बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BSBCCL) ने जो खाका तैयार किया है, वह सिर्फ ईंट-पत्थर की इमारतें नहीं, बल्कि सहरसा के युवाओं के भविष्य की नींव है। आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि आपके शहर और गाँव में क्या बदलने वाला है।

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1. रकिया-सत्तर (Rakia-Satar): जहाँ लिखा जाएगा नया इतिहास
सहरसा के खेल इतिहास में रकिया-सत्तर, कटैया का नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज होने वाला है। शहर की भीड़भाड़ से दूर, यहाँ एक ऐसा भव्य स्टेडियम बनने जा रहा है, जिसकी कल्पना शायद ही किसी ने की थी।
- सपना कितना बड़ा है? सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए लगभग ₹43.37 करोड़ का भारी-भरकम बजट रखा है। यह कोई आम खेल का मैदान नहीं होगा। यहाँ ऐसी सुविधाएं होंगी जो राष्ट्रीय स्तर के मैचों की मेजबानी कर सकें,।
- क्यों है यह खास? सोचिए, एक ऐसा स्टेडियम जहाँ फ्लडलाइट्स की रोशनी में मैच हो सकें, दर्शकों के लिए बैठने की पक्की जगह (Gallery) हो, और खिलाड़ियों के लिए वर्ल्ड-क्लास चेंजिंग रूम्स हों। 2025 के मध्य में इसके लिए टेंडर प्रक्रिया तेज हुई है, जो बताती है कि सरकार इसे लेकर कितनी गंभीर है। यह स्टेडियम कोशी क्षेत्र का सबसे बड़ा ‘स्पोर्ट्स हब’ बनने की क्षमता रखता है।
2. हसा-हकपाड़ा (Hasa-Hakpara): शहर के बीचों-बीच आधुनिकता की दस्तक
अगर रकिया-सत्तर भविष्य का ‘आउटडोर’ किंग है, तो हसा-हकपाड़ा ‘इनडोर’ खेलों की जान बनने वाला है। यहाँ बन रहा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स (Sports Complex) उन खिलाड़ियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है जो कुश्ती, बैडमिंटन या टेबल टेनिस में अपना हुनर दिखाते हैं।
- सुविधाओं का मेला: BSBCCL के हालिया टेंडर्स (NIT-47/2025-26) में इस जगह के लिए खास इंतज़ाम किए गए हैं। यहाँ सिर्फ दीवारें नहीं खड़ी होंगी, बल्कि खिलाड़ियों की सेहत और सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाएगा।
- AC और RO सिस्टम: गर्मियों में भी प्रैक्टिस न रुके, इसके लिए वातानुकूलित (AC) हॉल और शुद्ध पीने के पानी (RO) की व्यवस्था होगी।
- CCTV और आधुनिक लाइटिंग: सुरक्षा के लिए कैमरे और बेहतरीन लाइटिंग सिस्टम लगाया जाएगा,।
यह कॉम्प्लेक्स शहर के खिलाड़ियों को वह माहौल देगा, जिसके लिए उन्हें पहले पटना या दूसरे राज्यों का रुख करना पड़ता था।
3. गाँव की पगडंडियों से स्टेडियम तक : महिषी (Mahishi) की बारी
असली प्रतिभा तो गाँवों में बसती है, और सरकार ने इस बात को समझा है। महिषी प्रखंड के खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। यहाँ 200 मीटर ट्रैक वाला फुटबॉल स्टेडियम बनाने की तैयारी अंतिम चरण में है।
- क्या बदलेगा? महिषी जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल पर स्टेडियम का बनना सिर्फ खेल नहीं, बल्कि पर्यटन और स्थानीय विकास को भी जोड़ेगा। गाँव के बच्चे जो खेतों में दौड़कर अभ्यास करते थे, उन्हें अब एक प्रोफेशनल ट्रैक मिलेगा। 2025 के टेंडर दस्तावेज़ (NIT-17) बताते हैं कि प्रशासन इसे जल्द से जल्द धरातल पर उतारना चाहता है।
4. राह की चुनौतियां और उम्मीद की किरण
सफर आसान नहीं रहा है। सहरसा के लोग जानते हैं कि कई बार वादे फाइलों में दबकर रह जाते हैं।
- दर्द और देरी: कई बार टेंडर इसलिए रद्द करने पड़े क्योंकि काम करने के लिए सिर्फ एक ही ठेकेदार (Single Bid) आगे आया। कभी जमीन का पेंच फंसा, तो कभी कागजी कार्यवाही में वक्त लगा। स्थानीय खिलाड़ियों ने लंबा इंतज़ार किया है, और उस इंतज़ार की टीस अक्सर उनकी बातों में झलकती है। पूर्व मंत्री और स्थानीय विधायक आलोक रंजन झा जैसे नेताओं ने भी समय-समय पर इन प्रोजेक्ट्स को गति देने की कोशिश की है, जो अब रंग लाती दिख रही है,।
- अब अलग क्या है? 2025 के अंत में BSBCCL द्वारा जारी की गई ‘वित्तीय कार्यवाही’ (Financial Proceedings) की लिस्ट उम्मीद जगाती है। जब किसी प्रोजेक्ट की फाइल ‘टेक्निकल’ से निकलकर ‘फाइनेंशियल’ स्टेज पर आती है, तो इसका मतलब है कि पैसा पास होने वाला है और काम शुरू होने की घंटी बज चुकी है,।
5. 2026 का सहरसा कैसा होगा?
अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ, तो 2026 का सूरज सहरसा के खिलाड़ियों के लिए नई सुबह लेकर आएगा। रकिया-सत्तर में गूंजती दर्शकों की तालियां, हसा-हकपाड़ा के जिमनेजियम में पसीना बहाते युवा, और महिषी के ट्रैक पर दौड़ते भविष्य के एथलीट—यही वह तस्वीर है जिसे गढ़ने की कोशिश हो रही है।
यह सिर्फ कंक्रीट के ढांचे नहीं हैं; यह सहरसा के उस जज्बे का सम्मान है जो बाढ़ और मुश्किलों के बीच भी कभी हार नहीं मानता। खेल का मैदान तैयार हो रहा है, अब बारी आपकी है—तैयार हो जाइए अपनी उड़ान के लिए!
नोट: यह जानकारी दिसंबर 2025 तक उपलब्ध सरकारी टेंडर नोटिस और प्रशासनिक अपडेट्स पर आधारित है।

















