बिहार के उन लाखों युवाओं और नागरिकों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है, जो अपना ड्राइविंग लाइसेंस (DL) बनवाने के लिए हफ्तों तक आरटीओ के चक्कर काटते थे. बिहार सरकार ने नए साल से पहले राज्य के लोगों को एक ऐसा तोहफा दिया है, जिसने लाइसेंस बनवाने की पूरी प्रक्रिया को ही बदल कर रख दिया है. 17 दिसंबर 2025 को परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने एक ऐतिहासिक निर्देश जारी किया है: अब ड्राइविंग टेस्ट पास करने के मात्र 24 घंटे के भीतर आपका लाइसेंस आपके हाथ में (यानी डाक के लिए तैयार) होगा.

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अब ‘वेटिंग’ का झंझट खत्म
पुराने दिनों को याद करें तो टेस्ट पास करने के बाद भी कार्ड प्रिंट होने और घर पहुंचने में 10 से 15 दिन का समय लग जाता था.2 बिचौलियों और एजेंटों के चक्कर अलग से लगाने पड़ते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. सरकार ने साफ कर दिया है कि अगर आपने ऑटोमेटेड ट्रैक पर अपनी ड्राइविंग का हुनर दिखा दिया और कैमरे की नज़र में पास हो गए, तो विभाग को 24 घंटे के अंदर आपका लाइसेंस जारी करना ही होगा .
तकनीक ने बनाया काम आसान (ADTT और मारुति की साझेदारी)
इस तेज़ी के पीछे सबसे बड़ा हाथ है ‘स्वचालित ड्राइविंग परीक्षण ट्रैक’ (ADTT) का. मानवीय दखल खत्म करने के लिए बिहार सरकार ने मारुति सुजुकी इंडिया के साथ हाथ मिलाया है.4 फिलहाल पटना और औरंगाबाद में ये हाई-टेक ट्रैक काम कर रहे हैं, लेकिन अब भागलपुर, दरभंगा, गया, पूर्णिया और सारण में भी इन्हें शुरू किया जा रहा है .
इन ट्रैकों की खासियत यह है कि यहाँ कोई बाबू आपका टेस्ट नहीं लेता, बल्कि सीसीटीवी कैमरे और सेंसर आपकी एक-एक मूवमेंट को ट्रैक करते हैं . अगर आप 69 सेकंड में बाइक और 4 मिनट में कार सही से चला लेते हैं, तो सिस्टम तुरंत आपका रिजल्ट ‘पास’ कर देता है .
फीस और खर्च: आपकी जेब पर कितना बोझ?
लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया को पारदर्शी रखने के लिए फीस भी तय कर दी गई है. अब आपको किसी एजेंट को एक्स्ट्रा पैसे देने की ज़रूरत नहीं है.
| सेवा का नाम | फीस (₹ में) |
| लर्निंग लाइसेंस (LL) आवेदन | 150 – 200 |
| ड्राइविंग टेस्ट फीस | 300 |
| नया स्थायी लाइसेंस (DL) | 200 |
| स्मार्ट कार्ड फीस (यदि लागू हो) | 200 |
| लाइसेंस रिन्यूअल (समय पर) | 200 – 400 |
| डुप्लीकेट लाइसेंस | 200 – 250 |
नोट: बिहार में दोपहिया के लिए ₹100 और फोर-व्हीलर के लिए ₹150 रोड सेफ्टी सेस (Cess) भी देना होता है .
घर बैठे आवेदन और स्मार्ट डिलीवरी
अब आपको फॉर्म भरने के लिए घंटों लाइन में नहीं खड़ा होना है. सारथी पोर्टल (sarathi.parivahan.gov.in) पर जाकर आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. अगर आपके पास आधार कार्ड है, तो लर्निंग लाइसेंस के लिए तो आरटीओ जाने की भी ज़रूरत नहीं है, आप घर बैठे ही ऑनलाइन टेस्ट दे सकते हैं .
एक बार जब आपका स्थायी लाइसेंस बन जाता है, तो उसे ‘स्पीड पोस्ट’ के जरिए आपके घर भेजा जाता है . 1 अक्टूबर 2025 से डाक विभाग ने इसे और सुरक्षित बना दिया है—अब लाइसेंस की डिलीवरी ओटीपी (OTP) आधारित होगी, ताकि आपका कीमती दस्तावेज़ किसी गलत हाथ में न पड़े.
नियम तोड़ना पड़ेगा भारी: ब्लैकलिस्ट और जब्ती
जहाँ एक तरफ लाइसेंस पाना आसान हुआ है, वहीं नियम तोड़ना अब बहुत महंगा पड़ेगा. बिहार परिवहन विभाग ने सख्त निर्देश दिए हैं कि:
- 90 दिन का नियम: अगर आपका चालान कटा है और आपने 90 दिनों तक उसे नहीं भरा, तो आपकी गाड़ी को सीधे ‘ब्लैकलिस्ट’ कर दिया जाएगा. इसके बाद न तो आप गाड़ी बेच पाएंगे और न ही उसका इंश्योरेंस या फिटनेस रिन्यू करा पाएंगे.
- तीन बार की गलती: अगर आप तीन बार से ज्यादा ट्रैफिक नियम तोड़ते पकड़े जाते हैं, तो आपका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा और आपको एक महीने की दोबारा ट्रेनिंग लेनी होगी.
- लावारिस वाहन: सड़क किनारे 48 घंटे से ज्यादा समय तक खड़ी गाड़ियों को प्रशासन तुरंत जब्त कर लेगा.
रिन्यूअल और डुप्लीकेट के लिए क्या करें?
अगर आपका लाइसेंस खो गया है या उसकी वैलिडिटी खत्म हो रही है, तो परेशान न हों. आप सारथी पोर्टल पर जाकर ‘Apply for DL Renewal’ या ‘Duplicate DL’ विकल्प चुन सकते हैं . रिन्यूअल के लिए एक्सपायरी से 30 दिन पहले या बाद तक का ग्रेस पीरियड मिलता है . अगर आपकी उम्र 40 साल से ज्यादा है, तो आपको डॉक्टर से मेडिकल सर्टिफिकेट (Form 1A) भी अपलोड करना होगा .
डिजिटल लाइसेंस है 100% मान्य
अगर आप अपना भौतिक कार्ड साथ रखना भूल जाते हैं, तो डरने की बात नहीं है. डिजिलॉकर (DigiLocker) या एम-परिवहन (mParivahan) ऐप पर मौजूद आपका डिजिटल लाइसेंस कानूनी रूप से पूरी तरह वैध है . ट्रैफिक पुलिस इसे देखने से मना नहीं कर सकती .
बिहार सरकार की यह पहल न केवल भ्रष्टाचार को कम करेगी, बल्कि सड़कों पर केवल योग्य ड्राइवरों को ही मौका देगी. तो देर किस बात की? अगर आपका लाइसेंस नहीं बना है, तो आज ही ऑनलाइन आवेदन करें और 24 घंटे वाली इस सुपरफास्ट सेवा का लाभ उठाएं.

















