क्या आपने कभी सोचा है कि एक ही शाम में आप कश्मीर की असली पश्मीना शॉल खरीद सकें, केरल के मसालों की खुशबू ले सकें, और नागालैंड के बैम्बू क्राफ्ट (bamboo craft) को एक्सप्लोर कर सकें—वो भी बिना फ्लाइट पकड़े?
अगर आपको लगता है कि यह बस एक सपना है, तो शायद आप यूनिटी मॉल (PM एकता मॉल) के कॉन्सेप्ट से अभी अनजान हैं। यह सिर्फ कोई आम शॉपिंग मॉल नहीं है, जहाँ आपको वही विदेशी ब्रांड्स दिखेंगे जो हर दूसरे कोने पर मिलते हैं। यह भारत की असली “आत्मा” का जश्न है।
बजट 2023-24 में घोषित हुआ यह प्रोजेक्ट अब ज़मीन पर उतर रहा है, और सच बताऊँ तो इसका स्केल देखकर आप भी हैरान रह जाएंगे। आइए, आज विस्तार से समझते हैं कि आखिर यह यूनिटी मॉल का पूरा सीन क्या है और आपके शहर में यह कब आ रहा है।

यूनिटी मॉल (PM एकता मॉल) आखिर है क्या?
आसान शब्दों में कहें तो, यह एक “नेशनल मार्केटप्लेस” है। सरकार का विजन है कि हर राज्य की राजधानी (या बड़े शहर) में एक ऐसा मॉल हो जो ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ (ODOP) को प्रमोट करे।
यहाँ दो चीज़ें सबसे खास होंगी:
- ODOP प्रोडक्ट्स: हर ज़िले की अपनी एक खासियत होती है—जैसे बनारस की साड़ी या अलीगढ़ के ताले। यूनिटी मॉल इन सबको एक प्रीमियम प्लेटफॉर्म देगा ।
- GI टैग वाले प्रोडक्ट्स: वो प्रोडक्ट्स जिनकी क्वालिटी उनकी जगह की वजह से मशहूर है (जैसे दार्जिलिंग टी)। इनके लिए यहाँ डेडिकेटेड स्पेस होगा।
इसका मतलब यह है कि कारीगरों और छोटे कलाकारों को अब बिचौलियों (middlemen) की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। वे सीधा आप तक अपना सामान पहुँचा पाएंगे, वो भी एक हाई-क्लास मॉल के माहौल में।
केवड़िया मॉडल: जहाँ से शुरुआत हुई
अगर आपको इसका ‘ट्रेलर’ देखना है, तो गुजरात के केवड़िया (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास) जाना पड़ेगा। वहाँ एकता मॉल पहले से ही चल रहा है और टूरिस्टों का फेवरेट बन चुका है।
वहाँ का वाइब (vibe) बिल्कुल अलग है। दो मंजिलों पर फैला यह मॉल 35,000 स्क्वायर फीट का है और यहाँ 20 अलग-अलग राज्यों के एम्पोरियम हैं ।
- गर्वी गुर्जरी (Garvi Gurjari) में आपको गुजरात के पटोला और बांधनी मिलेंगे ।
- पूर्बाश्री (Purbashree) में नॉर्थ-ईस्ट का कमाल का बैम्बू वर्क और एरी सिल्क दिखेगा ।
सबसे बेस्ट बात? यहाँ मोलभाव (bargain) करने का स्ट्रेस नहीं है और असलियत (authenticity) की गारंटी है।
पर्सनल इनसाइट: यह क्यों ज़रूरी है?
“हम अक्सर मॉल्स में जाकर वही 4-5 ग्लोबल ब्रांड्स से कपड़े लेते हैं। लेकिन जब हम किसी यूनिटी मॉल से एक हैंडमेड आइटम खरीदते हैं, तो हम सिर्फ एक प्रोडक्ट नहीं खरीद रहे होते—हम किसी कारीगर के परिवार को सपोर्ट कर रहे होते हैं। साथ ही, गिफ्टिंग के लिए इससे बेहतर ऑप्शन आपको कहीं नहीं मिलेंगे। सोचिए, एक ही जगह से आप पूरे भारत के फ्लेवर्स को कलेक्ट कर सकते हैं!”
अब आपके शहर की बारी: स्टेटस अपडेट (दिसंबर 2025)
सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए ₹5,000 करोड़ का बजट रखा है, और 27 राज्यों में काम अलग-अलग स्टेज पर है। चलिए देखते हैं कहाँ क्या चल रहा है :
1. उज्जैन, मध्य प्रदेश: गेम चेंजर
उज्जैन अब सिर्फ महाकाल के लिए नहीं जाना जाएगा। यहाँ यूनिटी मॉल का काम लगभग फिनिश लाइन पर है। ₹284 करोड़ की लागत से बन रहा यह मॉल केवड़िया के बाद शायद भारत का पहला पूरी तरह से चालू होने वाला यूनिटी मॉल होगा। यहाँ फूड कोर्ट्स, ऑडिटोरियम और गार्डन भी बन रहे हैं, जो इसे एक कम्पलीट वीकेंड स्पॉट बनाएंगे ।
2. करनाल, हरियाणा: हाईवे हब
अगर आप दिल्ली से चंडीगढ़ ड्राइव करते हैं, तो करनाल आपका नया पिट-स्टॉप बनने वाला है। सेक्टर 37 में, जीटी रोड (GT Road) के किनारे, खुदाई का काम तेज़ी से चल रहा है। इसका टारगेट जुलाई 2027 है। सोचिए, लॉन्ग ड्राइव पर निकले और रास्ते में पूरे भारत की शॉपिंग कर ली!
3. नवी मुंबई: कनेक्टिविटी का किंग
महाराष्ट्र का यूनिटी मॉल उलवे नोड (Ulwe Node) में बन रहा है, जो नए अटल सेतु (MTHL) के बिल्कुल पास है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिसंबर 2025 में इसकी नींव रखी गई है। सिडको (CIDCO) इसे बना रहा है और यह मुंबई वालों के लिए एक नया कल्चरल हैंगआउट बनने वाला है। इसे 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है ।
4. गुवाहाटी, असम: नॉर्थ-ईस्ट का गेटवे
नॉर्थ-ईस्ट के कारीगरों के लिए मार्किट तक पहुँच बनाना हमेशा एक चुनौती रहा है। गुवाहाटी का यूनिटी मॉल इस गैप को भरेगा। कंस्ट्रक्शन फुल स्विंग में है और 2025-26 तक इसके रेडी होने की उम्मीद है ।
5. उत्तर प्रदेश: ट्रिपल ट्रीट
यूपी चूँकि इतना बड़ा राज्य है, वहाँ एक नहीं बल्कि तीन यूनिटी मॉल बन रहे हैं—लखनऊ, आगरा, और वाराणसी में। हालाँकि, रिपोर्ट्स के मुताबिक वहाँ काम थोड़ा धीमा चल रहा था, जिसके लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए हैं । उम्मीद है अब रफ़्तार बढ़ेगी।
6. राजस्थान और दक्षिण भारत
- जयपुर में फरवरी 2025 में कंस्ट्रक्शन शुरू होने की खबर है ।
- मैसूरु (कर्नाटक) में ज़मीन को लेकर थोड़ा कानूनी पेंच (status quo) फंसा हुआ है, इसलिए वहाँ मामला थोड़ा अटका हुआ है ।
- गोवा में स्थानीय विरोध के बावजूद अब कानूनी रास्ता साफ हो गया है और काम शुरू होने वाला है ।
क्या यह हिट होगा?
यूनिटी मॉल का कॉन्सेप्ट भारत की सॉफ्ट पावर (soft power) को दिखाने का एक शानदार तरीका है। यह हमें याद दिलाता है कि हमारी विविधता (diversity) ही हमारी ताकत है। जब ये मॉल्स 2026-27 तक पूरी तरह खुल जाएंगे, तो यह सिर्फ शॉपिंग सेंटर्स नहीं होंगे, बल्कि कल्चरल एम्बेसी (Cultural Embassies) होंगे।
तो अगली बार जब आप वीकेंड प्लान करें, तो बस मूवी या डिनर नहीं, बल्कि यूनिटी मॉल का चक्कर लगाने का सोचिए। क्या पता, आपको वहाँ कुछ ऐसा मिल जाए जो आपके दिल के करीब हो!
इस बारे में आपका क्या ख्याल है? क्या आप ट्रेडिशनल क्राफ्ट्स के लिए मॉल जाना पसंद करेंगे? कमेंट्स में ज़रूर बताएं!















