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बिहारी यूट्यूबर्स जो देसी अंदाज़ में बिहार की छवि बदल रहे हैं

आज बिहार के कंटेंट क्रिएटर्स सिर्फ़ मज़ाक या नाच-गाना नहीं दिखा रहे; वे अपने गाँव-घर की सच्चाई और संघर्ष को लाखों लोगों तक पहुँचाकर, बिहार की पुरानी, ख़राब छवि को पूरी तरह बदल रहे हैं। यह रिपोर्ट उन बड़े यूट्यूबर्स और व्लॉगर्स के बारे में है, जो अपने सीधे-सादे कंटेंट से इस डिजिटल क्रांति में आगे बढ़ रहे हैं। इनकी सफ़लता का राज़ है—सच्चाई, अपनी लोकल भाषा और बिहार के लोगों से पक्का जुड़ाव।

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पढ़ाई के बादशाह: ज्ञान की रोशनी सबको मिली


बिहार में डिजिटल दुनिया का सबसे बड़ा फ़ायदा शिक्षा (पढ़ाई) के क्षेत्र में हुआ है। यहाँ के शिक्षकों ने पढ़ाई को इतना सस्ता और आसान बना दिया कि यह गाँव-देहात के लाखों गरीब बच्चों के लिए वरदान साबित हुई है।

खान सर: सस्ती और अच्छी शिक्षा के चैंपियन
खान सर
आज पूरे देश के सबसे ज़्यादा जाने-माने यूट्यूब शिक्षकों में से एक हैं। पटना से शुरू हुआ उनका चैनल Khan GS Research Centre बहुत बड़ा बन चुका है, जिसके तक 25 मिलियन (2 करोड़ 50 लाख) से ज़्यादा सब्सक्राइबर हैं।

वो ज़्यादातर उन छात्रों को पढ़ाते हैं जो सरकारी नौकरी (जैसे BPSC, UPSC) की तैयारी कर रहे हैं। खान सर की सफ़लता का कारण उनका पढ़ाने का एकदम सीधा, सरल और हँसाने वाला तरीक़ा है । वो मुश्किल विषयों को भी देसी अंदाज़ में, कहानी और मज़ाक के साथ समझाते हैं। इससे दूर-दराज़ के बच्चों को बहुत फ़ायदा हुआ है, जिन्हें पहले महँगी कोचिंग नहीं मिल पाती थी।

उनकी इस मेहनत से अब बच्चों को पढ़ने के लिए दिल्ली या मुंबई नहीं जाना पड़ता। उनकी बढ़ती इज़्ज़त का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी उनके संस्थान में आकर शिक्षा और सामाजिक मुद्दों पर बात कर चुके हैं।

अमरीश भारती: टेक्नोलॉजी सिखाने वाले गुरु
अमरीश भारती ‘Mahatmaji Technical नाम से चैनल चलाते हैं। उनके 6.9 मिलियन (69 लाख) से ज़्यादा सब्सक्राइबर हैं। वो मोबाइल फ़ोन के टिप्स, इंटरनेट की जानकारी और आगे बढ़ने के लिए मोटिवेशनल बातें बताते हैं। उनका कंटेंट बहुत आसान शब्दों में होता है, जो उन लोगों के लिए ख़ास ज़रूरी है जो मुश्किल टेक्निकल बातें या अंग्रेज़ी नहीं समझ पाते।

सिस्टम से सीधा सवाल: ज़मीन की पत्रकारिता


बिहार में कुछ क्रिएटर्स ने आम मीडिया से अलग, बिल्कुल ज़मीन से जुड़ी पत्रकारिता शुरू की है, जिसे “जनता की आवाज़” भी कह सकते हैं। इनमें सबसे चर्चित नाम मनीष कश्यप का है।

मनीष कश्यप ( सन ऑफ बिहार )
मनीष कश्यप, जो ख़ुद को ‘सन ऑफ बिहार’ कहते हैं, बिहार के बड़े डिजिटल पत्रकारों में गिने जाते हैं। उनका चैनल ‘Manish Kashyap Son Of Bihar‘ (93 लाख सब्सक्राइबर के साथ) गाँव के मुद्दों, भ्रष्टाचार और सीधे ‘सिस्टम’ की कमियों पर सवाल उठाता है। उनका बेबाक और लोकल स्टाइल युवाओं को बहुत पसंद आता है।

हालांकि, उन पर तमिलनाडु में बिहारी मज़दूरों के साथ ज़्यादती के ‘झूठे वीडियो’ अपलोड करने का आरोप लगा था । उन्हें गिरफ़्तार किया गया, जेल जाना पड़ा, और बाद में NSA (सुरक्षा क़ानून) भी हटा लिया गया । जेल से निकलने के बाद, मनीष कश्यप अप्रैल 2024 में भाजपा में शामिल हो गए थे, और 2025 से वह जन सुराज पार्टी में है। उनकी कहानी बताती है कि लोकल मीडिया में लोगों का जज़्बाती जुड़ाव कितना मायने रखता है।

देसी मज़ाक और गाँव की लाइफ़

बिहार के यूट्यूबर्स ने हँसाने के मामले में भी कमाल किया है, जहाँ उनका मज़ाक अक्सर गाँव की ज़िंदगी की सच्ची झलकियाँ दिखाता है।

मणि मेराज (Mani Meraj Vines): कॉमेडी में छिपा संदेश
कटिहार के रहने वाले मणि मेराज के चैनल ‘Mani Meraj Vines’ पर 10.2 मिलियन (1 करोड़ 2 लाख) से ज़्यादा सब्सक्राइबर हैं। उनके वीडियो ग्रामीण जीवन की असली स्थितियों पर बने होते हैं, जो हँसाते तो हैं, लेकिन अक्सर कोई अच्छा सामाजिक संदेश भी देते हैं । उनकी ‘Band Aur Baraati‘ और ‘Desi Cricket‘ जैसी वीडियो सीरीज़ बहुत हिट हैं। वे अपनी लोकल बोली का इस्तेमाल करते हैं, जिससे बिहार से दूर रहने वाले लोग भी अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं ।

मिंटुआ (Mintuaa) और रोज़मर्रा की लाइफ़
मिंटुआा (Mintuaa)
, जिनके 5.8 मिलियन से ज़्यादा सब्सक्राइबर हैं, रोज़ाना की व्लॉगिंग करते हैं। वे बिहारी मेहमान नवाज़ी और पारंपरिक घर के खाने (जैसे लिट्टी चोखा, दाल चावल, खीर) को दिखाते हैं। उनका कंटेंट गाँव के सरल जीवन और पारिवारिक मूल्यों को सामने लाता है।

छवि बदलने वाले व्लॉगर्स: सिर्फ़ अच्छी बातें


कुछ व्लॉगर्स ने सोच-समझकर बिहार की नेगेटिव छवि को बदलने का बीड़ा उठाया है।

ऐश्वर्या आनंद (Ek Bihari): ये अपने चैनल ‘Ek Bihari‘ पर सिर्फ़ बिहार की अच्छी बातें और ख़ूबसूरती दिखाते हैं। उनके YouTube बायो में साफ़ लिखा है, “My lens only focuses on the bright side of Bihar” (मेरा लेंस सिर्फ़ बिहार की अच्छी साइड दिखाता है)। वो छठ पूजा, बिहारी शादियों और लोकल परंपराओं को गर्व के साथ दुनिया को दिखाते हैं।

अरुण मेहता (Way4U): अरुण मेहता ‘Way4U‘ चैनल चलाते हैं, जो बिहार में सड़कों, पुलों और बड़े प्रोजेक्ट्स के विकास पर फ़ोकस करता है। वो बिहार को एक प्रगतिशील और घूमने लायक जगह के तौर पर दिखाते हैं।

निष्कर्ष: डिजिटल बिहार की ताक़त


ये यूट्यूबर्स और व्लॉगर्स सिर्फ़ अपनी कहानी नहीं, बल्कि पूरे बिहार की नई पहचान बना रहे हैं। इनकी सफ़लता का राज़ है:

असली आवाज़: अपनी लोकल बोली और सच्चाई दिखाना।

समस्या का हल: सस्ती पढ़ाई और टेक्नोलॉजी का ज्ञान देना।

सकारात्मक सोच: बिहार के विकास और संस्कृति को गर्व से पेश करना।

इन डिजिटल हीरोज़ की वजह से, बिहार अब अपनी समस्याओं के लिए नहीं, बल्कि अपनी प्रतिभा, सादगी और उम्मीद के लिए जाना जाता है। हाँ, एक सच यह भी है कि जहाँ ऑनलाइन पढ़ाई करोड़ों तक पहुँची है, वहीं आज भी गंगा नदी के किनारे खुले में परीक्षा लेते टीचर का वीडियो यह दिखाता है कि ज़मीनी स्तर पर स्कूल और सुविधाओं को सुधारने में अभी भी बहुत काम बाक़ी है।

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