अरट्टै (Arattai) एक मैसेजिंग और कॉलिंग ऐप है जिसे भारत की बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी ज़ोहो कॉर्पोरेशन (Zoho Corporation) ने बनाया है । ज़ोहो का मुख्यालय चेन्नई में है । इस ऐप का नाम ‘अरट्टै’ तमिल भाषा से लिया गया है, जिसका मतलब होता है— “अनौपचारिक बातचीत” या “गपशप” ।

I. Arattai: चर्चा में आने के कारण
अरट्टै को जनवरी 2021 में लॉन्च किया गया था, उस समय जब कई बड़ी विदेशी मैसेजिंग ऐप्स की प्राइवेसी पॉलिसी (गोपनीयता नीति) को लेकर चिंताएँ बढ़ रही थीं ।
हाल ही में, इस ऐप ने भारत के ऐप स्टोर पर तेजी से ग्रोथ की। इसकी मुख्य वजह यह थी कि केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित कई सरकारी अधिकारियों ने अरट्टै का खुले तौर पर समर्थन किया । उन्होंने इसे “सुरक्षित,” “उपयोग में आसान,” और “मेक इन इंडिया” पहल के लिए सही बताया । इस समर्थन के कारण, केवल तीन दिनों में अरट्टै के नए साइन-अप रोज़ाना 3,000 से बढ़कर 3,50,000 हो गए !
अरट्टै के संस्थापक श्रीधर वेम्बु का कहना है कि उन्होंने यह ऐप इसलिए बनाया क्योंकि भारत को ऐसी तकनीकी क्षमता की ज़रूरत थी। ज़ोहो एक प्राइवेट कंपनी है, इसलिए वह सिर्फ तुरंत मुनाफ़े के बारे में नहीं सोचती, बल्कि लंबी अवधि के लिए ज़रूरी और बड़े प्रोजेक्ट्स (जैसे अरट्टै) पर ध्यान दे पाती है ।
II. अरट्टै के खास फीचर्स: WhatsApp से बेहतर क्यों?
अरट्टै को भारतीय यूज़र्स की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
2.1. कम इंटरनेट पर भी चलेगा (Lightweight Design)
अरट्टै की सबसे बड़ी खूबी इसका ‘हल्का डिज़ाइन’ (Lightweight Design) है । इसे इस तरह बनाया गया है कि यधीमे इंटरनेट कनेक्शन (जैसे 2G/3G नेटवर्क) पर भी ठीक से काम करे । कम मेमोरी वाले पुराने या सस्ते स्मार्टफ़ोन पर भी बिना अटके चल सके । यह डिज़ाइन भारत के ग्रामीण और छोटे शहरों के लाखों लोगों के लिए बहुत फ़ायदेमंद है, जहाँ इंटरनेट की स्पीड अक्सर धीमी रहती है ।
2.2. सामान्य और नए फीचर्स
अरट्टै में वे सभी सुविधाएँ हैं जो एक मैसेजिंग ऐप में होनी चाहिए, साथ ही कुछ खास चीज़ें भी हैं:
चैटिंग और ग्रुप्स: आप टेक्स्ट, वॉयस मैसेज, फोटो, वीडियो और डॉक्यूमेंट्स भेज सकते हैं । इसमें 1,000 लोगों तक के बड़े ग्रुप चैट बनाने की सुविधा है पॉकेट फीचर (Pocket Feature): यह आपकी खुद की एक निजी चैट विंडो है । आप इसमें अपने नोट्स, रिमाइंडर, फोटो या कोई भी ज़रूरी फाइल सुरक्षित रख सकते हैं।मीटिंग्स टैब (Meetings Tab): इसमें वीडियो मीटिंग्स को शेड्यूल करने और सीधे शामिल होने के लिए एक अलग टैब है ।फाइल शेयरिंग: आप 1 GB तक की बड़ी फ़ाइलें शेयर कर सकते हैं ।
भाषा का सपोर्ट: यह ऐप हिंदी, तमिल, तेलुगु, बंगाली और अन्य प्रमुख भाषाओं सहित 20 से ज़्यादा क्षेत्रीय भाषाओं को सपोर्ट करता है ।
2.3. मल्टी-डिवाइस एक्सेस
आप अरट्टै को अपने फ़ोन के अलावा एक साथ पाँच डिवाइस पर इस्तेमाल कर सकते हैं । यह विंडोज, मैकओएस और लिनक्स जैसे डेस्कटॉप कंप्यूटर के लिए भी उपलब्ध है । सबसे खास बात यह है कि इसकी ग्रुप वीडियो मीटिंग्स के लिए एक समर्पित
एंड्रॉइड टीवी ऐप भी है ।
III. सुरक्षा और गोपनीयता का वादा: डेटा कहाँ है?
अरट्टै की लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण इसकी सुरक्षा और ‘मेड-इन-इंडिया’ पहचान है ।
3.1. आपका डेटा, भारत में सुरक्षित
ज़ोहो ने गारंटी दी है कि अरट्टै का सारा डेटा सिर्फ भारत की सीमा के अंदर ही स्टोर किया जाता है ।
यह सेवा अमेज़ॅन वेब सर्विसेज (AWS) या गूगल क्लाउड जैसे किसी भी विदेशी क्लाउड प्रोवाइडर पर नहीं चलती । यह पूरी तरह से ज़ोहो के अपने हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर पर चलती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि विदेशी निगरानी या नियामक कानूनों से आपका डेटा सुरक्षित रहे । ज़ोहो ने यह भी वादा किया है कि आपकी जानकारी किसी
तीसरे पक्ष या विज्ञापनदाताओं के साथ साझा नहीं की जाएगी ।
3.2. एन्क्रिप्शन में कमी (एक ज़रूरी बात)
गोपनीयता के मामले में एक बड़ा अंतर है जिसे जानना ज़रूरी है:
वॉइस और वीडियो कॉल्स: अरट्टै में वॉयस और वीडियो कॉल्स के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (E2EE) लागू है । इसका मतलब है कि कॉल की बातें सिर्फ बात करने वाले दो लोग ही सुन सकते हैं।
टेक्स्ट मैसेज: फ़िलहाल, सामान्य टेक्स्ट मैसेज (चैट) के लिए डिफ़ॉल्ट E2EE लागू नहीं है । यह WhatsApp और Signal से अलग है, जो सभी चैट्स के लिए E2EE देते हैं।
कंपनी का बयान: ज़ोहो ने इस कमी को स्वीकार किया है और सार्वजनिक रूप से कहा है कि चैट के लिए E2EE लाना उनकी “सबसे बड़ी प्राथमिकता” है और वे इस पर तेज़ी से काम कर रहे हैं ।
IV. भारतीयों को अरट्टै क्यों उपयोग करना चाहिए?
अरट्टै को चुनने के पीछे सिर्फ फीचर्स नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और तकनीकी कारण भी हैं।
4.1. स्वदेशी और राष्ट्रीय गौरव
सरकारी समर्थन और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के साथ जुड़कर, अरट्टै को अपनाना देश के अपने तकनीकी इकोसिस्टम को बढ़ावा देने जैसा है । ज़ोहो एक भारतीय कंपनी है जो भारत में टैक्स भरती है, इसलिए इसे इस्तेमाल करने से देश की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलता है । यह एक ऐसी कंपनी है जिस पर भारतीय कानूनों और नियामक ढांचे के तहत भरोसा किया जा सकता है ।
4.2. डिजिटल समानता और समावेश (Inclusivity)
अरट्टै का सबसे बड़ा रणनीतिक लाभ इसकी पहुँच है । चूंकि यह धीमे इंटरनेट और सस्ते फोन पर भी आसानी से काम करता है, यह भारत के उन करोड़ों लोगों के लिए एक बेहतरीन समाधान है जो डिजिटल दुनिया से जुड़े रहने के लिए संघर्ष करते हैं । यह ऐप डिजिटल संचार को सही मायने में लोकतांत्रित करता है।
4.3. भविष्य खुला होगा (UPI जैसा मॉडल)
ज़ोहो के संस्थापक श्रीधर वेम्बु का विज़न अरट्टै को WhatsApp की तरह बंद (Closed) एकाधिकार (Monopoly) नहीं बनाना है । वह चाहते हैं कि अरट्टै यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) या ईमेल की तरह इंटरऑपरेबल (Interoperable) हो । इसका मतलब है कि भविष्य में मैसेजिंग ऐप्स एक-दूसरे से बात कर सकेंगी, ताकि यूज़र किसी एक प्लेटफॉर्म पर फँसकर न रह जाए। ज़ोहो ने इस दिशा में काम करने के लिए UPI के पीछे काम करने वाले थिंक टैंक (iSpirt) से भी बात शुरू कर दी है।
V. अरट्टै कैसे डाउनलोड करें? (Download Guide)
अरट्टै एक फ्री ऐप है और इसे सभी मुख्य प्लेटफॉर्म पर आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है।
5.1. डाउनलोड करने के स्थान
एंड्रॉइड (Android): गूगल प्ले स्टोर पर “Arattai – Secure Communication” सर्च करें ।
आईओएस (iOS): एप्पल ऐप स्टोर पर “Arattai Messenger” सर्च करें ।
डेस्कटॉप/अन्य: यह ऐप डेस्कटॉप, मैकओएस, लिनक्स और एंड्रॉइड टीवी पर भी उपलब्ध है ।
आधिकारिक वेबसाइट: ज़्यादा जानकारी और डाउनलोड लिंक के लिए आप www.arattai.in पर जा सकते हैं ।
5.2. सेटअप के आसान स्टेप्स
ऐप को इस्तेमाल करना बहुत आसान है:
डाउनलोड और इंस्टॉल करें ।
ऐप को ज़रूरी परमिशन दें (जैसे कॉन्टैक्ट्स की) ।
अपना मोबाइल नंबर डालें और OTP (वन टाइम पासवर्ड) से वेरिफाई करें । (ध्यान दें: शुरुआती ज़्यादा ट्रैफिक के कारण कुछ यूज़र्स को OTP देरी की शिकायतें आईं थी, जिस पर ज़ोहो काम कर रहा है )।
अपना नाम और फोटो जोड़कर प्रोफाइल सेट करें ।
ऐप आपके कॉन्टैक्ट्स को अपने आप सिंक कर लेगा, और आप चैटिंग शुरू कर सकते हैं ।