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bhai dooj 2025

Bhai Dooj 2025: तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

भाई दूज दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव का अंतिम दिन है, जो भाई-बहन के अटूट प्रेम, विश्वास और रक्षा के वादे का प्रतीक है। इस दिन बहनें भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसकी लंबी आयु और समृद्धि की कामना करती हैं, वहीं भाई बहन को उपहार देकर अपना स्नेह व्यक्त करता है।

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भाई दूज 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

भाई दूज 2025 गुरुवार, 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को आता है।

विवरणसमय
द्वितीया तिथि प्रारंभ22 अक्टूबर 2025, रात 08:16 बजे
द्वितीया तिथि समाप्त23 अक्टूबर 2025, रात 10:46 बजे
तिलक का शुभ मुहूर्तदोपहर 01:13 PM से 03:28 PM तक (2:15 घंटे)

तिलक का अपराह्नकालीन समय अभिजीत एवं विजय मुहूर्त का सम्मिश्रण है, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है।

पूजा सामग्री (थाली)

रूली/कुमकुम, चंदन, अक्षत (चावल), कलावा, सुपारी, पान का पत्ता, चांदी का सिक्का, नारियल, फूल, मिठाई, केला, दूर्वा घास व दीपक रखना अनिवार्य है।

तिलक विधि

  1. भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके चौकी/पटरी पर बिठाएं।
  2. पान–सुपारी व चांदी सिक्का हाथ में रखें।
  3. माथे पर रोली, चंदन व अक्षत का तिलक करें।
  4. कलाई पर कलावा बांधें व फूल माला पहनाएं।
  5. मिठाई खिलाकर दीपक जलाकर आरती उतारें।

मंत्र:
“गंगा पूजे यमुना को, यमी पूजे यमराज को,
सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा–यमुना नीर बहें,
मेरे भाई की आयु बढ़े।”

पौराणिक महत्व

यमराज–यमुना कथा

यमराज और उनकी बहन यमुना के प्रेम पर आधारित इस कथा में कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमराज यमुना के घर पहुंचे। यमुना के तिलक व भोजन से प्रसन्न होकर यमराज ने वरदान दिया कि जो भाई इस दिन बहन के घर तिलक कर भोजन करेगा, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा।

कृष्ण–सुभद्रा कथा

श्रीकृष्ण ने नरकासुर वध कर द्वारका लौटते समय सुभद्रा द्वारा तिलक व स्वागत से आशीर्वाद लिया। तब से यह पर्व उनके मिलन का स्मरण बन गया है।​

क्षेत्रीय नाम और परंपराएँ

भाई दूज विविध नामों से जाना जाता है:

  • उत्तर भारत: भैया दूज
  • महाराष्ट्र/गोवा: भाऊ बीज
  • पश्चिम बंगाल: भाई फोंटा
  • नेपाल: भाई टीका/भाई तिहार
    अन्य क्षेत्रों में सौद्रा बिदिगे, भौ बीज आदि नाम प्रचलित हैं।

विशेष प्रथाएँ

  • यमुना में स्नान: भाई–बहन यमुना नदी में स्नान कर अकाल मृत्यु से मुक्ति पाते हैं।
  • गोधन चौका: बहनें द्वार पर प्रतीक स्वरूप गोबर से रक्षक आकृतियाँ बनाकर माला बाँधती हैं।
  • पान भेंट: भोजन के बाद भाई को पान खिलाकर सौभाग्य प्राप्त होता है।​

ध्यान देने योग्य बातें

  • शुभ मुहूर्त में ही तिलक करें
  • चौकी/पटरी पर बिठाकर तिलक करें
  • पूजा के बाद भोजन करवाएं
  • राहुकाल में तिलक न करें
  • जमीन/कुर्सी पर न बिठाकर तिलक न करें
  • काले कपड़े न पहनें, झगड़ा न करें

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1: भाई दूज 2025 किस दिन है?
Ans: गुरुवार, 23 अक्टूबर 2025।

Q2: तिलक का शुभ समय क्या है?
Ans: दोपहर 01:13 PM से 03:28 PM (2:15 घंटे)।

Q3: इसे और क्या–क्या नाम हैं?
Ans: यम द्वितीया, भाऊ बीज, भाई फोंटा, भाई टीका आदि।

Q4: यमुना में स्नान जरूरी है?
Ans: शुभ है पर अनिवार्य नहीं।

Q5: अगर भाई दूर हो?
Ans: बहन घर पर यमराज पूजा कर आशीर्वाद ले सकती है या वीडियो कॉल से पर्व मना सकती है।

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