Mobile Only Menu
  • Home
  • पर्यटन
  • छपरा की बदलती तस्वीर: रतनपुरा में बन रहा है ‘एयरपोर्ट जैसा’ बस टर्मिनल
ISBT CHHAPRA

छपरा की बदलती तस्वीर: रतनपुरा में बन रहा है ‘एयरपोर्ट जैसा’ बस टर्मिनल

अगर आप छपरा (सारण) के रहने वाले हैं और शहर के भीषण जाम से परेशान हैं, तो यह खबर आपके चेहरे पर मुस्कान ले आएगी। छपरा शहर अब अपनी पुरानी छवि बदलने जा रहा है। सड़कों के किनारे बेतरतीब खड़ी बसें और घंटों का जाम जल्द ही इतिहास बनने वाला है।

छपरा जंक्शन के पास रतनपुरा में एक अत्याधुनिक अंतर-राज्यीय बस टर्मिनल (ISBT) का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। यह सिर्फ एक बस स्टैंड नहीं, बल्कि आधुनिक सुविधाओं से लैस एक ‘ट्रांजिट हब’ होगा। आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि यह प्रोजेक्ट क्या है, कहाँ बन रहा है और इससे आपकी जिंदगी कैसे आसान होगी।

ISBT CHHAPRA
AI image

1. लोकेशन: कहाँ बन रहा है नया बस स्टैंड?

सबसे बड़ा सवाल—यह बन कहाँ रहा है? पुराने बस स्टैंड पर जगह की कमी थी, इसलिए प्रशासन ने शहर के भविष्य को देखते हुए एक नई जगह चुनी है।

नया बस टर्मिनल रतनपुरा मौजा में बन रहा है। आसान शब्दों में कहें तो यह छपरा जंक्शन रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 8 की तरफ है । यह जगह महिला आईटीआई (Women’s ITI) के बिल्कुल बगल में है।

यह लोकेशन बहुत सोच-समझकर चुनी गई है। जो यात्री ट्रेन से आएंगे, वे प्लेटफॉर्म 8 की तरफ से निकलकर सीधे बस पकड़ सकेंगे। और जिन्हें बस से आकर ट्रेन पकड़नी है, उन्हें शहर के जाम में फंसने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसे ‘ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट’ कहते हैं, यानी सफर को आसान बनाना।

2. प्रोजेक्ट का बजट और साइज

यह कोई छोटा-मोटा प्रोजेक्ट नहीं है। सारण जिला परिषद और प्रशासन मिलकर इस पर करीब 19.72 करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं ।

  • जमीन: इसके लिए करीब 5 से 6 एकड़ जमीन का इस्तेमाल किया जा रहा है ।
  • इमारत: यहाँ तीन मंजिला (G+2) शानदार बिल्डिंग बनेगी, जो दूर से ही किसी कॉर्पोरेट ऑफिस या एयरपोर्ट जैसी दिखेगी ।

3. सुविधाएं: क्या-क्या मिलेगा यात्रियों को?

अब तक हमें बस पकड़ने के लिए धूप और बारिश में सड़क किनारे खड़ा रहना पड़ता था। लेकिन नए टर्मिनल में यह सब बदलने वाला है। यहाँ मिलने वाली सुविधाएं इसे ‘इंटरनेशनल स्टैंडर्ड’ का बनाती हैं:

  • AC वेटिंग हॉल: गर्मी में पसीना बहाने की जरूरत नहीं। यात्री वातानुकूलित (AC) हॉल में बैठकर अपनी बस का इंतजार कर सकेंगे ।
  • फीडिंग केबिन (Baby Feeding Cabin): यह एक बहुत ही सराहनीय कदम है। छोटे बच्चों के साथ सफर करने वाली माताओं के लिए अलग से स्तनपान कक्ष बनाए जाएंगे ताकि उन्हें प्राइवेसी मिल सके ।
  • डिजिटल डिस्प्ले: रेलवे स्टेशन की तरह यहाँ भी बड़ी स्क्रीन्स लगेंगी, जिन पर बसों के आने-जाने का टाइम और रूट फ्लैश होगा ।
  • सुरक्षा: पूरा परिसर हाई-रिज़ॉल्यूशन सीसीटीवी कैमरों (CCTV) की निगरानी में रहेगा। महिलाओं और यात्रियों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता होगी ।
  • खाने-पीने की व्यवस्था: अंदर ही कैफेटेरिया और फूड कोर्ट होगा। इसके अलावा एटीएम (ATM) की सुविधा भी वहीं मिलेगी ।
  • नाइट स्टे (Dormitory): लंबी दूरी से आने वाले यात्रियों या बस ड्राइवरों के रात में रुकने के लिए डॉर्मिटरी (सोने की व्यवस्था) भी होगी ।

4. बसों के लिए अलग-अलग जोन

अक्सर बस स्टैंड पर ऑटो, रिक्शा और बसों की खिचड़ी बन जाती है। यहाँ ऐसा नहीं होगा। ट्रैफिक को सुचारू रखने के लिए अलग-अलग जोन बनाए गए हैं:

  1. लोकल बसें: जिले के अंदर चलने वाली बसों के लिए अलग जगह।
  2. लंबी दूरी की बसें: पटना, दिल्ली या यूपी जाने वाली बसों के लिए अलग बे (Bay)।
  3. ऑटो/टैक्सी स्टैंड: बस से उतरते ही आपको ऑटो या ई-रिक्शा के लिए भटकना नहीं पड़ेगा, उनके लिए अलग लेन होग।

5. ताज़ा अपडेट: अभी कितना काम हुआ है? (2024-25 स्टेटस)

अगर आप आज वहां जाकर देखेंगे, तो आपको जमीन पर काम होता हुआ दिखाई देगा। चूंकि रतनपुरा वाला इलाका सड़क से थोड़ा नीचे (गड्ढे वाला) था, इसलिए सबसे पहले वहां मिट्टी भराई (Soil Filling) का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, जमीन को सड़क के लेवल से 2 से 4 मीटर तक ऊंचा किया जा रहा है ताकि बारिश में वहां पानी न भरे । दर्जनों ट्रक दिन-रात मिट्टी गिरा रहे हैं। इसके अलावा, बस स्टैंड की चारदीवारी (Boundary Wall) और गेट बनाने के लिए टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है ।

जिलाधिकारी (DM) अमन समीर खुद इस प्रोजेक्ट की निगरानी कर रहे हैं और उनका लक्ष्य है कि इसे जल्द से जल्द जनता को समर्पित किया जाए। उम्मीद है कि 2026 तक हमें यह टर्मिनल पूरी तरह चालू हालत में मिल जाएगा

6. जाम से मुक्ति और डबल डेकर फ्लाईओवर का कनेक्शन

छपरा शहर के लिए यह बस स्टैंड किसी वरदान से कम नहीं है। अभी जो बसें नगरपालिका चौक या गांधी चौक पर जाम लगाती हैं, वे सब शहर के बाहर शिफ्ट हो जाएंगी।

सबसे खास बात यह है कि छपरा में बन रहा देश का सबसे लंबा डबल डेकर फ्लाईओवर भी इसी इलाके से कनेक्ट होगा। यानी बसें फ्लाईओवर के जरिए सीधे टर्मिनल पहुंचेंगी और शहर की मुख्य सड़कों पर भीड़ नहीं बढ़ाएंगी । साथ ही, रिविलगंज बाईपास बनने से भारी वाहन भी शहर के बाहर ही रहेंगे।

Releated Posts

Nalanda Literature Festival 2025: राजगीर में सजा साहित्य का महाकुंभ – जानिये क्यों खास है यह इवेंट

क्या आपने कभी सोचा है कि जिस नालंदा ने दुनिया को ‘यूनिवर्सिटी’ का कांसेप्ट दिया, आज वहां फिर…

ByByPrachi Singh Dec 23, 2025

मुजफ्फरपुर मेट्रो : शहर की रफ़्तार और तस्वीर दोनों बदलने वाली है!

अगर आप मुजफ्फरपुर मेट्रोमें रहते हैं, तो ‘ट्रैफिक जाम’ शब्द सुनकर ही शायद आपका मूड खराब हो जाता…

ByByManvinder Mishra Dec 15, 2025

राजगीर महोत्सव 2025: बिहार की संस्कृति का महाकुंभ

 19 से 21 दिसंबर को राजगीर में यह तीन दिनों का पर्व मनाया जाएगा। मेला राजगीर के इंटरनेशनल…

ByByHarshvardhan Dec 14, 2025

बिहार सरस मेला–2025: महिलाओं का आत्मनिर्भरता का पर्व

बिहार सरस मेला पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान पर 12 दिसंबर से 28 दिसंबर तक लगा है। यह मेला…

ByByHarshvardhan Dec 14, 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top