बॉलीवुड के सेट पर बिहारी लड़के का जलवा: सेल्समैन से करोड़पति कॉन्ट्रैक्टर तक
मुकेश सहनी का जन्म 31 मार्च 1981 को बिहार के दरभंगा जिले के सुपौल बाजार में हुआ था, और वे मल्लाह (निषाद) समुदाय से आते हैं, जिसे अति पिछड़ा वर्ग (EBC) माना जाता है । उनका शुरुआती जीवन संघर्षों से भरा था; लगभग 19 साल की उम्र में, वे बिना किसी पैसे के बेहतर भविष्य की तलाश में घर छोड़कर मुंबई भाग गए । मुंबई में उन्होंने शुरू में कॉस्मेटिक सेल्समैन के रूप में काम किया । यहीं से उन्हें फिल्मों, धारावाहिकों और अन्य कार्यक्रमों के लिए सेट डिजाइन करने का विचार आया, जिसने उनका जीवन बदल दिया। उन्होंने अपनी कंपनी ‘मुकेश सिनेबेल प्राइवेट लिमिटेड’ की स्थापना की और बॉलीवुड में एक सफल सेट डिजाइनर के रूप में अपनी पहचान बनाई । उनकी कार्यकुशलता इतनी थी कि नितिन देसाई और संजय लीला भंसाली जैसे बड़े निर्माता उन्हें सीधे काम सौंपते थे । इस दौरान उन्हें शाहरुख खान और ऐश्वर्या राय जैसी हस्तियों से भी मिलने का मौका मिला । मुकेश सहनी विवाहित हैं और उनकी पत्नी का नाम कविता साहनी है, उनके दो बच्चे हैं ।

‘Son of Mallah’ का राजनीतिक अवतार: जन्म लिया ‘VIP’ ने
मुंबई में अच्छी-खासी दौलत और संगठनात्मक अनुभव कमाने के बाद, मुकेश सहनी की निगाहें बिहार की जातिगत राजनीति पर टिक गईं। उन्होंने पहली बार 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए प्रचार किया, जो राजनीति में उनका प्रवेश बिंदु था । इसके बाद, 4 नवंबर 2018 को उन्होंने आधिकारिक तौर पर अपनी खुद की पार्टी ‘विकासशील इंसान पार्टी’ (VIP) की स्थापना की । सहनी ने खुद को निषाद समुदाय के सीधे नेता के रूप में स्थापित करने के लिए ‘Son of Mallah’ की पहचान को अपनाया । वीआईपी की पूरी राजनीति इसी समुदाय के हितों पर केंद्रित है, जिसकी उनकी मुख्य मांग निषाद/मल्लाह समुदाय को अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिलाना है । सहनी लगातार कहते हैं कि आरक्षण के इस मुद्दे पर उनका आंदोलन जारी रहेगा ।
2022 का बड़ा झटका: जब गठबंधन टूटा और विधायकों ने साथ छोड़ा
मुकेश सहनी ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन में शामिल होकर बड़ी सफलता हासिल की, जहाँ वीआईपी को 11 सीटें मिलीं । पार्टी ने 4 सीटों पर जीत दर्ज की, और उन्हें नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन मंत्री बनाया गया । हालांकि, उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं गठबंधन के लिए खतरा बन गईं। 2022 के उत्तर प्रदेश चुनाव में उन्होंने बीजेपी के खिलाफ जमकर प्रचार किया, उन पर निषाद समाज का “शोषण” करने का आरोप लगाया, और व्यक्तिगत रूप से योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला । यह बीजेपी को नागवार गुजरा। बीजेपी के दबाव के कारण, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अप्रैल 2022 में मुकेश सहनी को मंत्रिमंडल से हटाने की सिफारिश राज्यपाल से कर दी, जिसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया । मंत्री पद खोने के तुरंत बाद, उन्हें सबसे बड़ा झटका लगा जब उनकी पार्टी के सभी तीन विधायक—राजू सिंह, सुवर्णा सिंह, और मिश्री लाल यादव—भाजपा में शामिल हो गए । इससे VIP की विधायी ताकत शून्य हो गई ।
2025 की बिसात पर सहनी: विधायक शून्य, पर मोलभाव की ताकत सबसे बड़ी
विधायक शून्य होने और पार्टी में बड़े झटके के बावजूद, मुकेश सहनी का राजनीतिक वजन बिहार में आज भी महत्वपूर्ण है। इसका कारण है निषाद वोटों पर उनकी मजबूत पकड़, जो किसी भी बड़े गठबंधन के लिए निर्णायक साबित हो सकती है। सत्ता से बाहर होने के बाद, सहनी ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व वाले महागठबंधन के साथ तालमेल बिठाया है। महागठबंधन में उनकी महत्ता इतनी है कि ऐसी चर्चा है कि यदि तेजस्वी यादव अगले मुख्यमंत्री बनते हैं, तो मुकेश सहनी को उप-मुख्यमंत्री पद के लिए संभावित उम्मीदवार बनाया जा सकता है । यह कदम अति पिछड़ा वर्ग (EBC) को साधने और समान प्रतिनिधित्व के एजेंडे को मजबूत करने की महागठबंधन की एक सोची-समझी रणनीति है । 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए वीआईपी ने 60 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है और अपने उम्मीदवारों की मदद के लिए 10 करोड़ रुपये का पार्टी फंड जुटाने की भी योजना बनाई है । सहनी का मानना है कि राहुल गांधी “अच्छे विजन वाले नेता” हैं, जबकि नीतीश कुमार को अब विरासत हैंडओवर कर देनी चाहिए । उनकी यह वापसी सिद्ध करती है कि बिहार की राजनीति में जातिगत समीकरणों का महत्व विधायी संख्या से कहीं अधिक स्थायी है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q.1: मुकेश सहनी किस समुदाय से आते हैं?
वे बिहार के निषाद/मल्लाह समुदाय से आते हैं, जिसे अति पिछड़ा वर्ग (EBC) के तहत रखा गया है ।
Q.2: उनकी राजनीतिक पार्टी का नाम क्या है और इसका गठन कब हुआ?
उनकी पार्टी का नाम विकासशील इंसान पार्टी (VIP) है, जिसका गठन 4 नवंबर 2018 को हुआ था ।
Q.3: मुकेश सहनी राजनीति में आने से पहले क्या करते थे?
वे मुंबई में एक सफल बॉलीवुड सेट डिजाइनर थे और उनकी अपनी कंपनी ‘मुकेश सिनेबेल प्राइवेट लिमिटेड’ थी ।
Q.4: 2022 में उन्हें मंत्री पद से क्यों हटाया गया?
उन्हें 2022 के उत्तर प्रदेश चुनाव में अपने गठबंधन सहयोगी बीजेपी के खिलाफ प्रचार करने और उन पर ‘शोषण’ का आरोप लगाने के कारण मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था ।
Q.5: वर्तमान में मुकेश सहनी किस गठबंधन में हैं?
विधायकों के दलबदल के बाद, वह वर्तमान में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व वाले महागठबंधन में सक्रिय हैं ।
















