आज के दौर में हमारा मोबाइल फोन सिर्फ एक डिवाइस नहीं, बल्कि हमारी पूरी दुनिया है। बैंकिंग पासवर्ड से लेकर निजी तस्वीरों तक, सब कुछ इसी में कैद है। लेकिन ज़रा सोचिए, अगर आपका फोन चोरी हो जाए या कोई आपके नाम पर फर्जी सिम कार्ड चला रहा हो, तो क्या होगा? यह ख्याल ही डरावना है।
इसी डर को खत्म करने और डिजिटल भारत को सुरक्षित बनाने के लिए भारत सरकार ने ‘संचार साथी’ (Sanchar Sathi) पोर्टल लॉन्च किया है। अगर आप स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं, तो इस वेबसाइट के बारे में जानना आपके लिए बेहद ज़रूरी है।
इस आर्टिकल में हम आसान हिंदी में समझेंगे कि संचार साथी क्या है, यह कैसे काम करता है, और आप इसका इस्तेमाल करके खुद को ऑनलाइन फ्रॉड से कैसे बचा सकते हैं।

संचार साथी पोर्टल क्या है? (What is Sanchar Saathi Portal?)
सरल शब्दों में कहें तो, संचार साथी भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा बनाई गई एक वेबसाइट और मोबाइल ऐप है, जो आम नागरिकों को डिजिटल सुरक्षा देती है। इसे मई 2023 में लॉन्च किया गया था ।
पहले अगर फोन चोरी होता था, तो पुलिस थाने के चक्कर लगाने पड़ते थे और फोन मिलने की उम्मीद ना के बराबर होती थी। लेकिन संचार साथी ने इस सिस्टम को बदल दिया है। यह पोर्टल मुख्य रूप से तीन काम करता है:
- चोरी हुए फोन को घर बैठे ब्लॉक करना ताकि चोर उसका इस्तेमाल न कर सके।
- यह पता लगाना कि आपके आधार कार्ड (ID) पर कितने सिम कार्ड चल रहे हैं।
- फर्जी कॉल्स और मैसेज की शिकायत करना।
आंकड़े बताते हैं कि इस पोर्टल की मदद से अब तक 42 लाख से ज्यादा चोरी हुए मोबाइल ब्लॉक किए जा चुके हैं और 7 लाख से ज्यादा फोन उनके मालिकों को वापस मिल चुके हैं ।
(Key Features)
इस पोर्टल पर कई सुविधाएं हैं, लेकिन एक आम यूजर के लिए ये 4 टूल्स सबसे ज्यादा काम के हैं:
1. CEIR (ब्लॉक योर लॉस्ट/stolen मोबाइल)
यह इस पोर्टल का सबसे पावरफुल फीचर है। CEIR का मतलब है ‘सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर’। हर फोन का एक यूनिक IMEI नंबर होता है। जब आप यहाँ अपने चोरी हुए फोन की रिपोर्ट करते हैं, तो यह सिस्टम आपके फोन को सभी नेटवर्क (Jio, Airtel, Vi, BSNL) पर ब्लॉक कर देता है।
इसका मतलब है कि चोर अगर उसमें नया सिम भी डाल ले, तो भी उस फोन में नेटवर्क नहीं आएगा। वह फोन चोर के लिए सिर्फ एक ‘खिलौना’ या ‘डिब्बा’ बनकर रह जाएगा। साथ ही, जैसे ही चोर फोन ऑन करेगा, उसकी लोकेशन पुलिस को मिल जाएगी ।
2. TAFCOP (सिम कार्ड मैनेजमेंट)
क्या आपको पता है कि आपकी ID पर कितने सिम एक्टिव हैं? कई बार साइबर अपराधी किसी और के आधार कार्ड की फोटोकॉपी का इस्तेमाल करके सिम खरीद लेते हैं और उससे अपराध करते हैं। पुलिस जब जांच करती है, तो वह बेगुनाह व्यक्ति फंस जाता है जिसके नाम पर सिम था।
TAFCOP मॉड्यूल आपको यह चेक करने की सुविधा देता है कि आपके नाम पर कितने नंबर चल रहे हैं। अगर आपको कोई अनजान नंबर दिखता है, तो आप उसे वहीं से रिपोर्ट करके बंद करवा सकते हैं । अब तक 1.43 करोड़ से ज्यादा ऐसे फर्जी कनेक्शन लोगों ने खुद पहचाने और बंद करवाए हैं ।
3. चक्षु (Chakshu – रिपोर्ट फ्रॉड)
अगर आपके पास लॉटरी लगने, बिजली काटने की धमकी, या सेक्सटॉर्शन (ब्लैकमेलिंग) जैसी कोई कॉल या मैसेज आता है, तो आप ‘चक्षु’ फीचर का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह आपको संदिग्ध नंबरों और मैसेज की रिपोर्ट करने की सुविधा देता है। आपकी रिपोर्ट सीधे सरकारी एजेंसियों के पास जाती है, जो इन नंबरों को ब्लॉक करती हैं ।
4. KYM (know your mobile)
अगर आप कोई सेकंड हैंड (पुराना) फोन खरीद रहे हैं, तो यह फीचर आपके लिए है। फोन खरीदने से पहले आप उसका स्टेटस चेक कर सकते हैं कि कहीं वह चोरी का तो नहीं है या ब्लैकलिस्टेड तो नहीं है ।
स्टेप-बाय-स्टेप गाइड: संचार साथी का इस्तेमाल कैसे करें?
वेबसाइट का इंटरफेस अंग्रेजी में हो सकता है, लेकिन इसका इस्तेमाल करना बहुत आसान है। यहाँ तरीका बताया गया है:
अगर फोन चोरी हो जाए तो क्या करें? (How to Block Lost Phone)
- सबसे पहले FIR करें: नजदीकी पुलिस स्टेशन में या ऑनलाइन FIR दर्ज कराएं और उसकी कॉपी अपने पास रखें।
- डुप्लीकेट सिम लें: अपने मोबाइल ऑपरेटर के स्टोर पर जाएं और उसी नंबर का नया सिम (Duplicate SIM) निकलवाएं। (यह ज़रूरी है क्योंकि OTP इसी नंबर पर आएगा)।
- पोर्टल पर जाएं: वेबसाइट
www.sancharsaathi.gov.inखोलें। - CEIR ऑप्शन चुनें: होमपेज पर नीचे स्क्रॉल करें और “Block Your Lost/Stolen Mobile Handset” पर क्लिक करें ।
- फॉर्म भरें: एक फॉर्म खुलेगा। इसमें अपना मोबाइल नंबर, चोरी हुए फोन का IMEI नंबर (जो फोन के बिल या डिब्बे पर होता है), ब्रांड और मॉडल डालें।
- डॉक्यूमेंट अपलोड करें: अपनी FIR की कॉपी और अपना पहचान पत्र (आधार/वोटर ID) अपलोड करें।
- सबमिट करें: अपने नए सिम पर OTP मंगाएं और सबमिट कर दें। आपको एक Request ID मिलेगी, इसे संभाल कर रखें।
आपका फोन 24 घंटे के अंदर ब्लॉक हो जाएगा। अगर फोन मिल जाता है, तो आप इसी पोर्टल पर जाकर उसे ‘Unblock’ भी कर सकते हैं ।
अपनी ID पर चल रहे सिम कैसे चेक करें? (Using TAFCOP)
- संचार साथी की वेबसाइट पर “Know Your Mobile Connections” पर क्लिक करें।
- अपना 10 अंकों का मोबाइल नंबर डालें, कैप्चा कोड भरें और OTP से लॉगिन करें।
- अब आपके सामने उन सभी नंबरों की लिस्ट आ जाएगी जो आपकी ID से जुड़े हैं।
- अगर कोई नंबर आपका नहीं है, तो उसे सेलेक्ट करें और “This is not my number” ऑप्शन चुनें। फिर Report बटन दबा दें। सरकार उस नंबर की जांच करके उसे बंद कर देगी ।
क्या संचार साथी ऐप डाउनलोड करना ज़रूरी है? (App Controversy Explained)
हाल ही में (दिसंबर 2025 के आसपास), खबरों में यह बात आई थी कि सरकार ने मोबाइल कंपनियों को निर्देश दिया है कि सभी नए फोन में ‘संचार साथी ऐप’ पहले से इंस्टॉल होकर आना चाहिए। इसको लेकर प्राइवेसी (निजता) की बहस छिड़ गई थी। लोगों को लगा कि सरकार उन पर नज़र रख रही है।
लेकिन सरकार ने इस पर सफाई दी है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट किया है कि यह ऐप अनिवार्य (Mandatory) नहीं है।
- कंपनियों को इसे फोन में देकर भेजना होगा ताकि लोगों को इसके बारे में पता चले।
- लेकिन, एक यूज़र के तौर पर आप जब चाहें इसे डिलीट (Uninstall) कर सकते हैं।
- यह ऐप आपकी कॉल रिकॉर्डिंग नहीं सुनता और न ही आपके पर्सनल मैसेज पढ़ता है। इसका काम सिर्फ तकनीकी डेटा (जैसे IMEI) की जांच करना है ताकि फ्रॉड रोका जा सके ।
इसलिए, घबराने की ज़रूरत नहीं है। यह आपकी सुरक्षा के लिए बनाया गया एक टूल है, जासूसी के लिए नहीं।
(नोट: यह जानकारी जनहित में जारी की गई है। किसी भी तकनीकी सहायता के लिए आधिकारिक वेबसाइट (sancharsaathi.gov.in)पर दिए गए हेल्प सेक्शन का ही उपयोग करें।)















