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HIV Cases Rise Sharply in Sitamarhi More Than 8000 People Now Infected

सीतामढ़ी, बिहार में HIV/AIDS का विस्फोटक प्रकोप – सच्चाई और तथ्य

बिहार के सीतामढ़ी जिले में HIV संक्रमण का प्रकोप एक भयावह स्वास्थ्य संकट बन गया है। सीतामढ़ी जिला अस्पताल के ART (एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी) सेंटर के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जिले में लगभग 7,400 से 8,000 HIV संक्रमित मरीज पंजीकृत हैं। यह आंकड़ा दिसंबर 2012 में ART सेंटर की स्थापना के बाद अब तक का सबसे अधिक है।

HIV Cases Rise Sharply in Sitamarhi More Than 8000 People Now Infected
AI Image

तेजी से बढ़ते नए केस

सबसे चिंताजनक बात यह है कि हर महीने 40 से 60 नए HIV मरीज सामने आ रहे हैं। वर्ष 2022 से लेकर अब तक, हर साल लगभग 500 नए मरीजों का पंजीकरण हो रहा है। ART सेंटर से प्रतिदिन लगभग 300 मरीजों को दवाएं दी जा रही हैं। केवल सीतामढ़ी के ART सेंटर से ही प्रतिमाह 5,000 मरीजों को नियमित दवाएं दी जा रही हैं, जबकि बाकी मरीज बिहार से बाहर अन्य राज्यों में इलाज करा रहे हैं।​

बच्चों पर विभीषिका का असर

सबसे भयावह पहलू यह है कि इस संक्रमण के शिकार 400 से अधिक नाबालिग बच्चे भी हैं। इन बच्चों में 252 लड़के और 135 लड़कियां 18 वर्ष से कम उम्र के हैं। दुर्भाग्य से, इन बच्चों को यह जानलेवा बीमारी अपने माता-पिता से विरासत में मिली है। यह तथ्य समाज के लिए एक कड़वी हकीकत है कि माता-पिता अपने बच्चों को संक्रमण दे रहे हैं।

सक्रिय मरीज और इलाज

वर्तमान में जिले में 4,954 सक्रिय (Active) मरीज हैं जो नियमित रूप से सरकार द्वारा मुहैया कराई जाने वाली मुफ्त दवाएं ले रहे हैं। बिहार सरकार ने “बिहार शताब्दी AIDS पीड़ित कल्याण योजना” के तहत 3,899 वयस्क मरीजों को प्रतिमाह 1,500 रुपये की वित्तीय सहायता दे रही है। साथ ही, 18 वर्ष से कम आयु के संक्रमित बच्चों के लिए “परवरिश योजना” के अंतर्गत प्रतिमाह 1,000 रुपये दिए जा रहे हैं।

कौन से ब्लॉक सबसे प्रभावित हैं?

सीतामढ़ी जिले के विभिन्न प्रखंडों (ब्लॉकों) में HIV संक्रमण असमान रूप से फैला हुआ है:

प्रखंड का नामसंक्रमित मरीज
डुमरा (सबसे अधिक)1,107
रुन्नीसैदपुर708
परिहार700
सोनबरसा514
रीगा507
बथनाहा574
नानपुर348
पुपरी346
सुरसंड409
बेलसंड474
परसौनी158
चोरौत (सबसे कम)102

डुमरा प्रखंड सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 1,107 मरीज पंजीकृत हैं, जबकि चोरौत प्रखंड में सबसे कम (102 मरीज) मामले हैं।

HIV का विस्तार क्यों हो रहा है? मुख्य कारण

स्वास्थ्य विभाग और विशेषज्ञों ने HIV के तेजी से फैलने के निम्नलिखित कारण चिन्हित किए हैं:

1. प्रवासी मजदूरों की भारी संख्या: सीतामढ़ी नेपाल की सीमा से सटा एक गरीब जिला है। यहां बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और अन्य शहरों में कमाई के लिए जाते हैं। ये मजदूर शहरों में कमर्शियल सेक्स वर्कर्स के साथ संपर्क में आते हैं और HIV संक्रमित हो जाते हैं। फिर वे इस वायरस को अपनी पत्नियों को देते हैं।

2. गरीबी और आर्थिक कारण: जिले में गंभीर गरीबी व्याप्त है। आर्थिक मजबूरियों के कारण लोग असुरक्षित यौन संबंध रखते हैं और सुरक्षा के उपाय नहीं करते।

3. जागरूकता की भारी कमी: आश्चर्यजनक रूप से, स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित जागरूकता अभियान चलाए जाने के बावजूद, समाज में HIV को लेकर गहरी अज्ञानता व्याप्त है।

4. बिना जांच शादी: समाज में यह प्रथा है कि शादी से पहले HIV टेस्ट नहीं कराया जाता। संक्रमित व्यक्ति अनजान में अपने जीवनसाथी को संक्रमित कर देते हैं।

5. सामाजिक शर्म और कलंक: HIV से संक्रमित लोग समाज के भय से लज्जा में टेस्ट नहीं कराते, जिससे संक्रमण आगे फैल जाता है।

6. यौन शिक्षा का अभाव: यौन संबंधों में सुरक्षा और सावधानी के बारे में समुचित शिक्षा का पूरी तरह अभाव है।

सीतामढ़ी अब “हाईलोड सेंटर” बन गया है

चिंता की बात यह है कि सीतामढ़ी का ART सेंटर पूरे बिहार का सबसे व्यस्त “हाईलोड सेंटर” बन गया है। इसका मतलब है कि बिहार के किसी भी अन्य जिले के ART सेंटर की तुलना में सीतामढ़ी में सबसे ज्यादा HIV मरीज हैं। यह आंकड़ा स्वास्थ्य व्यवस्था पर भारी दबाव डाल रहा है।​

महिला और पुरुष दोनों समान रूप से प्रभावित

एक महत्वपूर्ण बात यह है कि जिले में महिलाओं और पुरुषों की संख्या लगभग बराबर है। यह दर्शाता है कि HIV की समस्या लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं कर रही – समान रूप से सभी को प्रभावित कर रही है।

सरकार और प्रशासन की कार्रवाई

जिले के ART सेंटर के मेडिकल ऑफिसर डॉ. हसीन अख्तर ने आगाह किया है कि HIV संक्रमित व्यक्तियों को गैर-संक्रमित लोगों से शादी नहीं करनी चाहिए। प्रशासन ने निम्नलिखित कदम उठाने का आश्वासन दिया है:

  • गांव-गांव जागरूकता अभियान को तेज किया जाएगा
  • HIV टेस्ट कैंपों की संख्या बढ़ाई जाएगी ताकि शुरुआती चरण में ही संक्रमण का पता चले
  • सामुदायिक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम तेज किए जाएंगे
  • नियमित परामर्श (काउंसलिंग) सेवाएं बेहतर की जाएंगी

विशेषज्ञों की चेतावनी

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर समय रहते व्यापक स्तर पर जागरूकता नहीं बढ़ाई गई, तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है। वर्तमान दर से, यदि हर महीने 40-60 नए मरीज जुड़ते रहे, तो अगले कुछ वर्षों में यह संख्या दोगुनी हो सकती है।

सीतामढ़ी में HIV का यह प्रकोप सिर्फ एक स्वास्थ्य समस्या नहीं है – यह एक सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संकट है। गरीबी, प्रवास, जागरूकता की कमी और सामाजिक शर्म का यह घातक मिश्रण हजारों लोगों की जिंदगी को तबाह कर रहा है। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि 400 से अधिक निर्दोष बच्चे इस बीमारी की चपेट में हैं। इस संकट से निपटने के लिए तत्काल और मजबूत कदम उठाने की जरूरत है।

source : https://patnapress.com/ssitamarhi-hiv-cases-rise-minors-affected/

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