सम्राट चौधरी ने गृह मंत्री का पद संभालते ही जो घोषणा की, उसमें एक नाम बार-बार सुना गया: ‘एंटी-रोमियो स्क्वॉड’। लेकिन असली सवाल यह है—ये स्क्वॉड क्या करेगा? और बिहार की लड़कियों के लिए इसका क्या मतलब है?

रोमियोपना क्या है?
रोमियोपना एक ऐसा शब्द है जो बिहार की हर लड़की को पता है। यह सिर्फ प्यार-व्यार नहीं है। यह उन मनचलों की हरकत है जो:
- स्कूल-कॉलेज की बहू-बेटियों को परेशान करते हैं
- सड़कों पर अकेली महिलाओं को छेड़ते हैं
- किसी के पीछे-पीछे चलते हैं
- सोशल मीडिया पर अभद्र कमेंट्स करते हैं
पटना, गया, मुजफ्फरपुर जैसे शहरों में स्कूल-कॉलेज के गेट पर हर दिन ऐसे ‘रोमियो’ इकट्ठे होते हैं। लड़कियों को घर वापसी करते समय डर लगता है। इसी को रोकने के लिए अब एंटी-रोमियो स्क्वॉड आ रहा है।
ये स्क्वॉड कौन होंगे?
इस टीम में होंगे:
- 1 सब-इंस्पेक्टर (अधिकारी)
- 2-3 कांस्टेबल (कम से कम 1 महिला जरूर)
- सादे कपड़े या यूनिफॉर्म में तैनाती
महिला पुलिसकर्मियों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी। जब लड़कियों को पता चलेगा कि उन्हें एक महिला पुलिस अधिकारी सुरक्षा दे रही है, तो वे ज्यादा सुरक्षित महसूस करेंगी।
दिन भर क्या करेंगे ये टीमें?
सुबह (8-11 AM): स्कूल-कॉलेज के गेट पर तैनाती। लड़कियों को सुरक्षित देखना।
दोपहर (11 AM-5 PM): बाजार, मॉल, पार्क में गश्त। भीड़ में किसी को परेशान करते देखा तो तुरंत पकड़ना।
शाम (5-8 PM): सिनेमा हॉल, बस स्टॉप, पार्क पर विशेष निगरानी।
पकड़ा जाए तो क्या होगा?
पहली बार: पुलिस समझ-बुझाएगी। माता-पिता को बुलाकर चेतावनी दी जाएगी। कुछ समझदारी वाले लोग अपने आप सुधर जाते हैं।
दूसरी बार: तब कानूनी कार्रवाई होगी। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 354 के तहत:
उत्तर प्रदेश में क्या हुआ?
सम्राट चौधरी UP का ही मॉडल ला रहे हैं। UP में पिछले 7 सालों में क्या हुआ, देखिए:
- 14 लाख से ज्यादा लोगों को चेतावनी दी गई
- 32,077 लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई
- 30% तक छेड़खानी में कमी (खासकर लखनऊ-कानपुर में)
UP के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि स्क्वॉड के आने के बाद स्कूल-कॉलेज के गेटों पर भीड़ पूरी तरह खत्म हो गई। लड़कियां अब ज्यादा आत्मविश्वास से घर लौटती हैं।
डिजिटल छेड़खानी पर भी कार्रवाई
एक महत्वपूर्ण बात: अब सोशल मीडिया पर गाली देने वाले भी नहीं बचेंगे। Instagram, Facebook, WhatsApp पर किसी महिला को गाली देना, ताना मारना, ट्रोल करना—सब कुछ अब अपराध माना जाएगा।
क्या यह ‘मॉरल पुलिसिंग’ है?
कुछ लोग चिंतित हैं कि यह ‘मॉरल पुलिसिंग’ (अपने मनमाने नियम लागू करना) तो नहीं है। लेकिन UP सरकार ने बाद में नए दिशानिर्देश जारी किए। अब सिर्फ सच्ची शिकायतों पर ही कार्रवाई होती है। विवाहित जोड़ों को परेशान नहीं किया जाता।
सम्राट चौधरी ने भी कहा है कि यह सब “न्यायालय के आदेश के तहत” होगा। मतलब—पूरी कानूनी प्रक्रिया के साथ।
बिहार की लड़कियों के लिए संदेश
अगर कोई तुम्हें परेशान करे, तो:घबराओ मत, शिकायत करो। पुलिस को कॉल करो। स्कूल के प्रिंसिपल को बताओ। सम्राट चौधरी का संदेश बिल्कुल साफ है:

















