बिहार में बालू को अब सिर्फ रेत नहीं, बल्कि ‘पीला सोना’ (Yellow Gold) कहा जाने लगा है. लेकिन इस सोने की लूट ने हमारी नदियों और सरकारी खजाने को खोखला कर दिया है. अब बिहार सरकार ने ठान लिया है कि इस लूट को बंद करना है, और इस लड़ाई में सिपाही पुलिस नहीं, बल्कि आप होंगे.
जी हाँ, आपने सही सुना. सरकार ने ‘बिहारी योद्धा पुरस्कार’ योजना शुरू की है. इसका सीधा मतलब है—माफिया पर नज़र रखें, सूचना दें और नकद इनाम पाएं. यह रिपोर्ट कोई सरकारी दस्तावेज नहीं, बल्कि आपके लिए एक गाइड है कि कैसे आप इस मुहिम का हिस्सा बनकर कमाई भी कर सकते हैं और राज्य का भला भी.

1. कमाई का मौका: रेट लिस्ट क्या है?
सरकार ने इस बार कोई लाम-काफ वाली बातें नहीं की हैं, सीधा ‘रेट’ तय कर दिया है. अगर आपको लगता है कि कहीं चोरी-छिपे बालू या गिट्टी निकाली जा रही है या ले जाई जा रही है, तो आपकी एक कॉल की कीमत हजारों में हो सकती है.
- ट्रैक्टर पकड़वाने पर ₹5,000: अगर आप किसी ऐसे ट्रैक्टर की सूचना देते हैं जो अवैध बालू ले जा रहा है, और वह पकड़ा जाता है, तो आपको 5,000 रुपये नकद मिलेंगे. गांव-देहात में ट्रैक्टर से ही सबसे ज्यादा चोरी होती है, तो यह नजर रखना आसान है.
- ट्रक या बड़ा वाहन पकड़वाने पर ₹10,000: अगर मामला बड़ा है, जैसे कोई 6 चक्का या 10 चक्का ट्रक (डंपर) अवैध माल ले जा रहा है, तो ईनाम की राशि 10,000 रुपये है.
- सम्मान अलग से: पैसे तो मिलेंगे ही, साथ में जिला प्रशासन आपको ‘बिहारी योद्धा’ का सर्टिफिकेट भी देगा. यानी समाज में इज्जत भी बढ़ेगी.
2. सबसे बड़ा सवाल: “क्या मेरी जान को खतरा होगा?”
यह सवाल हर किसी के मन में आता है. बिहार में बालू माफियाओं का डर किसे नहीं है? सरकार भी यह बात जानती है. इसीलिए उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने साफ कर दिया है कि सूचना देने वाले की पहचान 100% गुप्त रखी जाएगी.
आपको थाने जाने की जरूरत नहीं है. आपको अपना नाम अखबार में छपवाने की जरूरत नहीं है. अगर आप चाहते हैं कि किसी को पता न चले कि खबर किसने दी, तो प्रशासन आपको एक ‘कोड नाम’ दे देगा. पैसा भी चुपचाप आपके खाते में या नकद दिया जाएगा. मकसद माफिया को पकड़ना है, आपको खतरे में डालना नहीं.
3. सूचना देनी कैसे है?
आपको जासूस बनने की जरूरत नहीं है, बस अपनी आंखें खुली रखनी हैं.
- देखो: अगर आपको नदी किनारे रात में जेसीबी चलती दिखे, या बिना ढके बालू ले जाते ट्रक दिखें, तो समझ जाइए कुछ गड़बड़ है.
- कॉल करो: सीधे पटना मुख्यालय या अपने जिले के अधिकारी को फोन लगाएं. ये नंबर अपने मोबाइल में सेव कर लें:
- मुख्यालय हेल्पलाइन: 9472238821 या 9122414564
- खान विभाग कंट्रोल रूम: 0612-2215360
- आप सीधे अपने जिले के DMO (जिला खनन पदाधिकारी) को भी फोन कर सकते हैं. जैसे पटना के लिए 9835447915 या गया के लिए 9852903038.
- जानकारी दो: बस इतना बताएं—”फलां गांव के नदी घाट पर 2 ट्रैक्टर बालू निकाल रहे हैं” या “इस सड़क से बिना चालान का ट्रक गुजर रहा है.”
- आराम करो: अब काम पुलिस और खनन विभाग का है. जब गाड़ी जब्त होगी, तो आपको आपका इनाम मिल जाएगा.
4. पुलिस वाले अब “सेटिंग” नहीं कर पाएंगे
अक्सर लोग कहते हैं, “पुलिस तो मिली हुई है, फोन करके क्या फायदा?” सरकार ने इस बार इसका भी इलाज ढूंढा है. नया नियम यह है कि “जिस इलाके में अवैध खनन, वहां का थानेदार जिम्मेदार.”
अगर आपने सूचना दी और थानेदार ने कार्रवाई नहीं की, या गाड़ी छोड़ दी, तो उस थानेदार की नौकरी पर बन आएगी. अब तक कई अधिकारियों पर गाज गिर चुकी है. सरकार ने साफ कहा है कि यह ‘जन-निगरानी’ है. जब जनता देख रही है, तो पुलिस को भी काम करना ही पड़ेगा.
5. माफियाओं पर भारी चोट
सरकार ने सिर्फ ईनाम ही नहीं रखा, बल्कि दंड भी इतना बढ़ा दिया है कि अवैध काम करना घाटे का सौदा हो गया है.
- पकड़े जाने पर ट्रैक्टर मालिक को 5 लाख रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है.
- ट्रक वालों के लिए यह जुर्माना और भी ज्यादा है.
- यही नहीं, अब ईडी (ED) जैसी एजेंसियां भी जांच कर रही हैं. बांका जिले में एक कंपनी ने 131 करोड़ की गड़बड़ी की, तो अब उनकी संपत्तियां जब्त हो रही हैं. यानी जो गलत करेगा, वो सिर्फ जेल नहीं जाएगा, कंगाल भी होगा.
यह आपकी लड़ाई है
बिहार की नदियां, हमारे पुल और हमारे खेत—सब इस अवैध खनन की वजह से बर्बाद हो रहे हैं. पुल गिर रहे हैं क्योंकि उनकी नींव के नीचे से बालू निकाल लिया गया है. यह ₹5,000 या ₹10,000 सिर्फ एक प्रोत्साहन है. असली बात यह है कि एक जागरूक नागरिक के तौर पर आप अपने राज्य को बचा रहे हैं.
तो अगली बार जब आप किसी ट्रैक्टर को अवैध बालू ले जाते देखें, तो उसे सिर्फ अनदेखा न करें. फोन उठाएं, सूचना दें, और एक गर्वित ‘बिहारी योद्धा’ बनें. याद रखें, आपकी पहचान गुप्त है, लेकिन आपका असर बहुत बड़ा होगा.
















