पटना की सड़कों पर शुरू होने वाले बड़े बदलाव की तैयारी चल रही है। 1 दिसंबर से पूरे शहर में एक विशेष अतिक्रमण-उन्मूलन अभियान शुरू होगा, जो साल भर नियमित रूप से चलेगा। इस बार पटना प्रशासन ने एक से अधिक 9 टीमों को तैनात किया है, जो सभी नगर निगम क्षेत्रों में एक साथ काम करेंगी।

क्या है यह अभियान?
दिसंबर महीने में गांधी मैदान, पटना गोलंबर, बोरिंग रोड, राजापुर सब्जी मंडी, कंकड़बाग कॉलोनी, चिरैयाटाल पुल और करबिगहिया जैसे प्रमुख इलाकों में अतिक्रमण हटाए जाएंगे। केवल यही नहीं, नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस संयुक्त रूप से अवैध ठेले, दुकानें और गलत तरीके से की गई पार्किंग को हटाने का काम करेंगे।
पटना के डिविजनल कमिश्नर अनिमेश कुमार पराशर ने नवंबर के अंत में एक बड़ी योजना घोषित की थी। उन्होंने निर्देश दिया कि 30 नवंबर तक सभी पुरानी गाड़ियों और सड़क किनारे की मरम्मत की दुकानों को बंद कर दिया जाए। 1 दिसंबर के बाद ऐसी कोई गतिविधि शहर में नहीं चलेगी। सड़क के किनारे बेचने के लिए रखी गई गाड़ियों को भी इसी तारीख तक हटा दिया जाएगा।
सख्त नियम और जुर्माने
अगर आप यह सोच रहे हैं कि यह अभियान केवल एक और कार्रवाई है, तो गलत सोच रहे हैं। प्रशासन ने बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि यह एक लगातार चलने वाला अभियान है। दोबारा अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
असल में, यह पहली बार नहीं है कि पटना में ऐसा अभियान चल रहा है। पिछले महीनों में भी कई दफे यह ड्राइव किया जा चुका है। जुलाई से सितंबर तक 9 टीमों का कार्य अभूतपूर्व रहा था। उस समय भी नेहरू पथ, अशोक राजपथ, बोरिंग रोड, कार्गिल चौक, गांधी मैदान, राजेंद्र नगर टर्मिनल और जेपी गंगा पथ जैसे मुख्य रास्तों को प्राथमिकता दी गई थी।
ट्रैफिक जांच भी साथ चलेगी
अतिक्रमण-उन्मूलन के साथ ही ट्रैफिक पुलिस भी विशेष वाहन जांच अभियान चलाएगी। इसका मतलब है कि आपके वाहन के कागजात, हेलमेट, सीटबेल्ट – सब कुछ पर नजर रहेगी। नियमों का पालन न करने पर जुर्माना लगेगा।
कौन-कौन हटाए जाएंगे?
अस्थायी अतिक्रमण यानी अस्थायी ढांचे, कार्ट, बैनर, ईंटें, बालू और बांस की संरचनाएं तुरंत हटाई जाएंगी। स्थायी अतिक्रमण के खिलाफ तय समय-सारणी के अनुसार कार्रवाई होगी। गिरफ्तारी नहीं, पर जुर्माने जरूर होंगे। पिछली कार्रवाइयों में अकेले एक दिन में ₹37,400 का जुर्माना वसूला गया था।
यह सब क्यों जरूरी है?
शहरवासियों के लिए यह अभियान बहुत जरूरी है। अतिक्रमण से ट्रैफिक जाम होता है, सड़ें संकरी हो जाती हैं, और चलना मुश्किल हो जाता है। इमरजेंसी वाहनों को भी परेशानी होती है। प्रशासन का मानना है कि अगर सड़कें साफ रहेंगी, तो शहर की सांस लेना आसान हो जाएगा।
पटना की सड़कों पर यह नया अध्याय शुरू होने वाला है। 1 दिसंबर से एक नए पटना की शुरुआत होगी – जहां सड़कें चौड़ी होंगी, ट्रैफिक सुचारू होगा, और सब कुछ व्यवस्थित होगा।















