साकिब हुसैन – बिहार के गोपालगंज से आने वाले एक 20 साल के नौजवान की कहानी जो सिर्फ क्रिकेट नहीं, बल्कि गरीबी, संघर्ष और सपनों की कहानी है। जब कोलकाता नाइट राइडर्स ने इस बिहारी पेसर को 2024 की IPL नीलामी में 20 लाख रुपये में खरीदा, तो पूरी गोपालगंज खुशियों से झूम गई।

पिता का दिन भर की मेहनत, बेटे का बड़ा सपना
गोपालगंज के एक मजदूर परिवार में जन्मा साकिब का बचपन आम बिहारी बच्चों की तरह नहीं था। पिता रोज भरपेट खाना देने के लिए ही सारा दिन मेहनत करते थे। घर में क्रिकेट के लिए हजार रुपये आना मुश्किल था, लेकिन साकिब के सपनों की बाहें सबसे बड़ी थीं।
शुरुआत में साकिब को खेल के जूते भी पहनने का सामर्थ्य नहीं रहा। परिवार ने अपना जेवर बेचकर उसे पहले जूते खरीदे। यह सिर्फ खेल के जूते नहीं थे – ये पिता के आंसू और माँ की दुआओं के जूते थे।
टेनिस बॉल से शुरू हुई मेहनत
साकिब ने अपना पेट भरने के लिए छोटे-छोटे टेनिस बॉल टूर्नामेंटों में खेला। हर टूर्नामेंट से सौ-पाँच सौ रुपये कमा लेता था, जो घर के खर्च में लगता था। लेकिन इसी मेहनत में कुछ जादू था। साकिब का मध्यम गति का तेज गेंदबाजी दिनों-दिन निखरता जा रहा था।
2021 में जब बिहार क्रिकेट लीग में गया की ग्लैडिएटर्स की ओर से खेला, तो थोड़ा-थोड़ा नाम बनने लगा। फिर 2022 में मुशताक अली ट्रॉफी में उसका जलवा दिखा। गुजरात के खिलाफ चार विकेट झटकाए – और बस, इसके बाद पूरे IPL की नजरें इस बिहारी लड़के पर आ गईं।
चेन्नई में MS धोनी की छाया में सपने
साकिब के सपनों का असली पड़ाव तब आया जब उसे चेन्नई सुपर किंग्स ने IPL 2023 में नेट बॉलर के रूप में रखा। यहाँ जो हुआ, वो एक बिहारी नौजवान के लिए स्वर्ग से कम नहीं था। पैड लगा के MS धोनी के सामने गेंदें फेंकना – ये तो हर भारतीय बच्चे का सपना है।
साकिब के लिए ये सिर्फ गेंद नहीं थीं, ये थे उसके पिता की मेहनत के दाने, अपनी भूख सहकर की गई मेहनत का नतीजा।
IPL नीलामी में खरीद: 20 लाख का वो सुनहरा लम्हा
18 दिसंबर 2023 को IPL नीलामी में जब अंपायर ने साकिब का नाम घोषित किया और कोलकाता नाइट राइडर्स ने 20 लाख रुपये की बोली लगाई, तो गोपालगंज में एक मजदूर के घर खुशियों का तूफान आ गया। साकिब की आँखों में खुशी के आँसू थे, पिता-माँ को गले लगा रहे थे – ये सिर्फ एक बोली नहीं थी, ये परिवार की मेहनत का सम्मान था।
KKR का नया सवारी: राइडर्स परिवार में स्वागत
कोलकाता नाइट राइडर्स ने साकिब को “गोपालगंज का लाल” कहकर बुलाया। यहाँ अभिषेक नायर जैसे कोच मिले जिन्होंने डेथ बॉलिंग के नए आयाम सिखाए।
राइडर्स के ड्रेसिंग रूम में जब साकिब आंद्रे रसेल, सुनील नारायण और मिचेल स्टार्क जैसे दिग्गजों के साथ , तो ये स्टूल नहीं, ये स्वर्ग की सीढ़ी था। साकिब खुद कहता है – “ये देखना था कि ये दिग्गज TV पर कैसे खेलते हैं, और अब साथ की ड्रेसिंग रूम में हैं। इससे बड़ी चीज मेरे लिए क्या हो सकती है?”
गेंदबाजी की शक्ति, मन की मजबूती
साकिब की गेंदबाजी में तेजी और सटीकता दोनों हैं। वो राइट-आर्म मीडियम-फास्ट बॉलर है, जो विशेषकर डेथ ओवरों में खतरनाक साबित होता है। लेकिन सबसे बड़ी बात – उसके अंदर एक अपराजेय हिम्मत है।
साकिब कहता है – “डर का क्या? आख़िरकार अपना काम करना है, अच्छा करना है।” यह मानसिकता बिहार की गरीबी में पली-बढ़ी मेहनत की ताकत है।
अभी यात्रा पूरी नहीं
2024 में KKR के साथ गज़ब की शुरुआत के बाद, साकिब की यात्रा रुकी नहीं। उसका आत्मविश्वास, उसकी भूख, उसकी गेंदबाजी – सब कुछ बेहतर होता जा रहा है। हर नया मैच, हर नई गेंद उसके लिए गोपालगंज के उस मजदूर पिता को प्रणाम करने जैसा है।
साकिब हुसैन सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं है – वह बिहार के लाखों ऐसे बच्चों की किरण है, जिन्हें मेहनत और सपनों से कोई नहीं रोक सकता। उसकी कहानी सिर्फ SPORTs में नहीं, बल्कि हर संघर्षशील परिवार के दिलों में जीती है।

















