बिहार के दरभंगा जिले से निकला एक दमदार क्रिकेटर आईपीएल में अपना नाम दर्ज करवाने के लिए तैयार है। राजस्थान रॉयल्स ने सुशांत मिश्रा को IPL 2026 ऑक्शन में ₹90 लाख की कीमत पर अपने दल में शामिल किया है।

सुशांत मिश्रा की पहचान
बिहार का गर्व, झारखंड का खिलाड़ी – यह विवरण सुशांत मिश्रा के संपूर्ण जीवन कथा को परिभाषित करता है। 23 दिसंबर 2000 को जन्मे सुशांत मिश्रा का संबंध दरभंगा जिले के अलीनगर प्रखंड के तुमोल गांव से है। हालांकि, उनके पिता समीर मिश्रा की रोजगार की तलाश में वह बचपन में ही रांची चले गए और वहीं पले-बढ़े।
ये 24 वर्षीय बाएं हाथ के तेज-मध्यम गेंदबाज झारखंड राज्य टीम का प्रतिनिधित्व करते हैं।
IPL में सुशांत की यात्रा
यह सुशांत मिश्रा का तीसरा IPL अनुबंध है। 2022 में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) के साथ उनकी IPL यात्रा शुरू हुई थी, जब उन्हें आधार मूल्य ₹20 लाख पर खरीदा गया था। 2024 में गुजरात टाइटंस (GT) ने उन्हें ₹2.20 करोड़ में खरीदा, जो उनकी मूल्य में भारी वृद्धि थी।
अब 2026 के IPL ऑक्शन में राजस्थान रॉयल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच प्रतिद्वंद्विता के बाद, रॉयल्स ने उन्हें ₹90 लाख की कीमत पर जीता। हालांकि यह पिछली बोली से कम है, लेकिन मिनी-ऑक्शन में एक सम्मानजनक अनुबंध माना जा सकता है।
क्रिकेटिंग कौशल और उपलब्धियां
सुशांत मिश्रा को उनकी तेज गति और विविध गेंदबाजी कौशल के लिए जाना जाता है। उनकी गेंद की रफ्तार 140 किमी प्रति घंटा तक रिकॉर्ड की गई है।
2020 अंडर-19 विश्व कप में भारत के प्रतिनिधि के रूप में, सुशांत ने 5 मैचों में 7 विकेट लिए, 19.85 की औसत से। उनके प्रदर्शन में पाकिस्तान के खिलाफ एक शानदार तीन विकेट की पारी भी शामिल थी।
घरेलू क्रिकेट में उनकी शुरुआती सफलता काफी प्रभावशाली रही – महज सात पहली श्रेणी के मैचों में उन्होंने 20 से अधिक विकेट लिए। झारखंड के साथ अपनी प्रथम श्रेणी की शुरुआत (17 फरवरी 2022) में ही छत्तीसगढ़ के खिलाफ दोनों पारियों में छह विकेट लिए।
2025-26 में, सुशांत ने स्मार्ट ट्रॉफी (SMAT) में शानदार प्रदर्शन किया, 19 विकेट लेकर झारखंड की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
बिहार की मिट्टी से निकला तारा
सुशांत की सफलता का कारण उनके दादा कृष्ण देव मिश्रा की प्रेरणा और परिवार के समर्थन में निहित है। बचपन से ही क्रिकेट के जुनूनी रहे सुशांत ने कोचिंग का सही निर्णय लिया, जहां शाश्वत राय और शशांक पाठक जैसे कोचों ने उन्हें तराशा।
यह खबर बिहार की खेल संस्कृति को मजबूत करती है और दिखाती है कि मिथिला की भूमि से निकले हुए प्रतिभाशाली खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट के शीर्ष मंच पर अपनी पहचान बना रहे हैं।

















