बिहार और क्रिकेट का रिश्ता हमेशा से थोड़ा ‘कॉम्प्लिकेटेड’ रहा है। कभी टैलेंट की कमी नहीं थी, पर सिस्टम और इंफ्रास्ट्रक्चर ने हमेशा साथ छोड़ा। लेकिन पिछले कुछ महीनों में पटना से लेकर अबू धाबी (IPL Auction) तक, हवा का रुख बदला-बदला सा लग रहा है। इस बदलाव के पीछे जो सबसे बड़ा नाम चर्चा में है, वो है Bihar Cricket Association (BCA) के नए और सबसे युवा प्रेसिडेंट—Harsh Vardhan।
जब 28 सितंबर 2025 को 24 साल के हर्ष वर्धन निर्विरोध (unopposed) अध्यक्ष चुने गए, तो कई लोगों ने इसे सिर्फ एक ‘फैमिली लेगेसी’ (वो पूर्व अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के बेटे हैं) के तौर पर देखा। लेकिन सच तो ये है कि हर्ष के आने से बिहार क्रिकेट में जो ‘Fresh Energy’ आई है, उसने आलोचकों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है।

युवा जोश और ‘Generational Shift’
हर्ष वर्धन सिर्फ नाम के प्रेसिडेंट नहीं हैं, वो भारत के किसी भी स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन को लीड करने वाले सबसे युवा शख्स बन गए हैं। उनके साथ एक पूरी नई टीम आई है—वाइस प्रेसिडेंट प्रिया कुमारी, सेक्रेटरी जियाउल आरफीन और ट्रेजरर अभिषेक नंदन। इस टीम का विज़न क्लियर है: “पुरानी गुटबाजी खत्म करो और ग्राउंड पर रिजल्ट लाओ।”
मेरे हिसाब से, बिहार जैसे राज्य के लिए यह ‘Generational Shift’ बहुत जरूरी था। यहाँ क्रिकेट सालों तक कोर्ट-कचहरी और मान्यता (Recognition) की लड़ाई में उलझा रहा। अब जब बीसीसीआई (BCCI) के साथ रिश्ते सुधरे हैं, तो हर्ष का फोकस सीधा ‘Grassroots’ पर है।
मोइन-उल-हक स्टेडियम: 400 करोड़ का ड्रीम प्रोजेक्ट
अगर आप पटना के राजेंद्र नगर वाले मोइन-उल-हक स्टेडियम के पास से गुज़रे होंगे, तो आपने उसकी खस्ता हालत देखी होगी। लेकिन अब सीन बदलने वाला है। Bihar Cricket Association (BCA) ने राज्य सरकार के साथ मिलकर इस स्टेडियम को 30 साल की लीज पर लिया है।
क्या है मास्टर प्लान?
- बजट: लगभग ₹400 करोड़ का इन्वेस्टमेंट।
- कैपेसिटी: इसे 42,500 से 50,000 की क्षमता वाला इंटरनेशनल वेन्यू बनाया जा रहा है।
- सुविधाएं: 76 कॉर्पोरेट बॉक्स, 5-स्टार क्वालिटी के प्लेयर सुइट्स, और फ्लडलाइट्स वाला मॉडर्न ड्रेनेज सिस्टम।
- डेडलाइन: 2027 तक इसे पूरा करने का टारगेट है।
सोचिए, जब 2027 में यहाँ इंटरनेशनल मैच होगा, तो बिहार के युवाओं के लिए वो सिर्फ एक मैच नहीं, एक नई उम्मीद होगी।
IPL 2026 और बिहार के ‘Rising Stars’
सिस्टम कितना भी अच्छा हो, असली जीत तब मानी जाती है जब खिलाड़़ी बड़े लेवल पर परफॉर्म करें। हर्ष वर्धन की प्रेसिडेंसी के शुरुआती महीनों में ही बिहार ने अपना दम दिखा दिया है।
दिसंबर 2025 के IPL ऑक्शन में बिहार के दो अनकैप्ड पेसर्स ने धमाका कर दिया। Sakib Hussain को सनराइजर्स हैदराबाद ने और Mohammed Izhar को मुंबई इंडियंस ने ₹30 लाख में खरीदा। हर्ष ने खुद इन खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उनकी कड़ी मेहनत का नतीजा है।
इससे पहले Vaibhav Suryavanshi ने राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलकर और अंडर-19 एशिया कप में धुआंधार बैटिंग (UAE के खिलाफ 171 रन) करके बिहार का नाम पहले ही रौशन कर दिया था। यह सब दिखाता है कि ट्रायल प्रोसेस और कोचिंग कैंप्स अब पहले से ज्यादा प्रोफेशनल हो रहे हैं।
Personal Insight: मेरा नज़रिया बिहार क्रिकेट में टैलेंट की कभी कमी नहीं थी, कमी थी तो बस एक ‘Bridge’ की जो एक छोटे जिले के लड़के को IPL की लाइटों तक पहुंचा सके। हर्ष वर्धन ने आते ही जिस तरह से 38 जिलों में ‘President Cup’ और ‘Search for Bowlers’ जैसे प्रोग्राम शुरू किए हैं, वो उसी ब्रिज का काम कर रहे हैं। बस दुआ यही है कि प्रशासन की ये रफ़्तार कानूनी अड़चनों (जैसे लोकपाल विवाद) में न फंसे।
कानूनी चुनौतियां: राह अभी भी आसान नहीं है
हर्ष के लिए सबकुछ गुलाबों की सेज नहीं है। Bihar Cricket Association (BCA) आज भी कई कानूनी लड़ाइयों का सामना कर रहा है। पटना हाई कोर्ट में लोकपाल (Ombudsman) की नियुक्ति को लेकर चल रहे केस और विपक्षी गुटों के दावे आज भी एक सिरदर्द हैं। लेकिन जिस तरह से मौजूदा मैनेजमेंट ने खुद को बीसीसीआई और सरकार के साथ अलाइन किया है, उससे लगता है कि एडमिनिस्ट्रेटिव स्टेबिलिटी अब ज्यादा दूर नहीं है।
भविष्य की रणनीति: प्लेट से एलीट तक
रणजी ट्रॉफी 2025-26 के सीजन में बिहार ने जिस तरह अरुणाचल प्रदेश को एक पारी और 165 रनों से हराया, उससे खिलाड़ियों का ‘Intent’ साफ़ दिखता है। हर्ष वर्धन का विज़न बिहार को ‘Plate Group’ से निकालकर ‘Elite Group’ में पहुंचाना है, जहाँ मुकाबला देश की टॉप टीमों से होता है।
Pro-Tip for Young Cricketers: अगर आप बिहार से हैं और क्रिकेट में करियर बनाना चाहते हैं, तो अब सही समय है। BCA की वेबसाइट पर अपनी डिस्ट्रिक्ट ट्रायल की डेट्स चेक करते रहें। अब सिफारिश से ज्यादा ‘Fitness’ और ‘Performance’ की वैल्यू है। हाल ही में BCA ने फिजियोथेरेपी और इंजरी मैनेजमेंट पर खास ट्रेनिंग सेशन भी शुरू किए हैं।
बिहार क्रिकेट अब उस दौर में है जहाँ से पीछे मुड़कर देखना मना है। हर्ष वर्धन की लीडरशिप में जो विज़न दिख रहा है, वो एक मॉडर्न और प्रोफेशनल स्पोर्ट्स बॉडी का है। अगर मोइन-उल-हक स्टेडियम का काम समय पर पूरा होता है और इसी तरह हर साल बिहार से 3-4 लड़के IPL में जाते हैं, तो वो दिन दूर नहीं जब पटना भी मुंबई और बेंगलुरु की तरह भारतीय क्रिकेट का एक बड़ा गढ़ बनेगा।

















